यह सप्ताह दो चक्रवाती तूफानों का गवाह बनेगा। साथ ही यह एक दुर्लभ संयोग होगा जब एक साथ दो-दो चक्रवाती तूफान सक्रिय रहेंगे। अगर यह तूफान विकसित होते हैं तो उनका नाम होगा 'बुरेवी' और ‘ताऊक्ते'। इस सप्ताह भीषण बारिश, बाढ़, तूफानी हवाओं समेत तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के अधिकांश इलाकों को जलप्रलय का सामना करने की तैयारी करनी चाहिए।
इससे पहले, महाराष्ट्र में अक्टूबर में हुई बारिश के चलते रबी फसलों की बुवाई में ब्रेक लगी थी और हाल ही में गुजरे चक्रवात ‘निवार’ रबी फसल को प्रभावी किया था। इन सबके बीच इस सप्ताह दो चक्रवाती तूफान फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने वाले हैं। बेमौसम की यह तबाही वाली बारिश इन राज्यों में रबी फसलों की कुल उपज को प्रभावित कर सकती है।
दक्षिण भारत के राज्यों में यह बारिश और उत्तर भारत की पहाड़ियों पर बर्फ इस सप्ताह के मौसम की बड़ी खबर होंगी।
उत्तर भारत
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में इस सप्ताह मौसम में कोई विशेष हलचल होने की संभावना नहीं है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में शीतलहर की स्थिति जारी रहेगी। इन भागों में संभवतः हल्का कोहरा छा सकता है और कुछ इलाकों में धुंध बनी रहेगी। सप्ताह के मध्य से पहले एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की ऊंची पहाड़ियों पर बारिश और हिमपात देगा। सप्ताह के आखिरी समय के दौरान एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आएगा जिससे समूची पश्चिमी हिमालयी श्रृंखला पर बारिश और हिमपात होगा। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों पर भी बारिश हो सकती है।
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत
इस क्षेत्र में कोई भी मौसमी हलचल नहीं होगी। सप्ताह के मध्य में केवल अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और बारिश हो सकती है। सप्ताह के दौरान बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना है।
मध्य भाग
मध्य भारत के भागों में इस सप्ताह मौसम काफी अच्छा रहेगा। मध्य महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र के कुछ हिस्सों में 30 नवंबर को हल्की वर्षा होने की संभावना है। जबकि बाकी सभी दिनों में मुंबई सहित महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में बेमौसम बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
दक्षिण प्रायद्वीप
यह हफ्ता प्रायद्वीपीय भारत के लिए काफी व्यापक मौसमी हलचल की संभवना है। पहला मौसमी सिस्टम 1 और 2 दिसंबर को तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश से टकराएगा। उसके बाद अरब सागर में जाने के बाद अरब सागर पर यही सिस्टम चक्रवाती तूफान के रूप में उभर सकता है। हालांकि यह अरब सागर पर विकसित होने के बाद भारत के तटों से दूर चला जाएगा इसलिए यह भारत को बहुत नुकसान नहीं पहुंचाएगा। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होगी क्योंकि एक और संभावित चक्रवाती तूफान 6 दिसंबर के बाद तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश की ओर रुख कर सकता है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इस तूफान से 6 दिसम्बर के बाद तबाही का मंज़र देखने को मिल सकता है।
दिल्ली एनसीआर
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में मौसम इस सप्ताह भी साफ और शुष्क रहेगा। सुबह के समय कुछ इलाकों में कुहासा और धुंध होगी तो कहीं-कहीं हल्का कोहरा छा सकता है। नवंबर 2020 हाल के कई दशकों में सबसे सर्द महीने के रूप में दर्ज किया गया है।
चेन्नई
चेन्नई को पूरे सप्ताह मौसम की मार झेलने के लिए तैयार रहना होगा। एक के बाद एक दो चक्रवाती तूफानों की तबाही शहर में देखने को मिल सकती है। मध्य तक मध्यम से भारी जबकि सप्ताह के मध्य के बाद भीषण वर्षा का अनुमान है। लगभग 6 दिसम्बर को चेन्नई के करीब पहुंचाने वाले संभावित चक्रवाती तूफान के चलते शहर के कई इलाकों में तबाही का मंज़र देखने को मिल सकता है।
दिल्ली प्रदूषण:
पिछले कई सालों की तुलना में साल 2020 का नवंबर प्रदूषण के मामले में सबसे साफ महीना साबित हुआ है। दिल्ली और एनसीआर का AQI पिछले दो महीनों की तुलना में 27 नवंबर को सबसे कम था। अधिकांश स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में और कुछ स्थानों पर मध्यम श्रेणी में रहा।
इस सप्ताह भी प्रदूषण में बहुत अधिकता की आशंका नहीं है। हालांकि कुछ हिस्सों में प्रदूषण मध्यम से खराब श्रेणी में पहुँच सकता है।
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