हिंद महासागर में भूमध्य रेखा और इससे सटे दक्षिणी-मध्य बंगाल की खाड़ी के पास बना दबाव का क्षेत्र इस समय डिप्रेशन की क्षमता में आ गया है और यह पश्चिमी तथा उत्तर पश्चिमी दिशा में भारत के पूर्वी तटों की तरफ बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से समुद्री क्षेत्रों में हलचल बहुत ज्यादा बढ़ गई है। तटीय भागों पर हवाएं तेज हो गई हैं और घने बादल दिखाई देने लगे हैं। सोमवार, 30 नवंबर, 2020 को सुबह 5:30 बजे यह पुद्दुचेरी से 600 किलोमीटर दूर दक्षिण दक्षिण-पूर्व में था जबकि चेन्नई से इसकी दूरी 630 किलोमीटर दक्षिण दक्षिण-पूर्व में थी।
अगले 24 घंटों में डिप्रेशन तेज़ी से प्रभावी होते हुए चक्रवाती तूफान बन जाएगा। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 के बाद बंगाल की खाड़ी में उठने वाला यह पहला चक्रवाती तूफान है। इसे 'निवार' नाम ईरान द्वारा दिया गया है। एजुकेशन के चक्रवाती तूफान और उसके बाद भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की पूरी संभावना है क्योंकि बंगाल की खाड़ी में समुद्र और वायुमंडलीय स्थितियां इसकी अनुकूल हैं। समुद्र की सतह का तापमान 29 और 30 डिग्री के आसपास है और वर्टिकल विंड शीयर (वीडबल्यूएस) इस समय कमजोर है। वीडबल्यूएस इस समय 5 से 10 नॉट के बीच चल रही हैं। यह दोनों ही स्थितियाँ इसके भीषण चक्रवात बनने में मदद करेंगी।
वर्तमान स्थितियों को देखते हुए अनुमान है कि यह तूफान पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए 25 नवंबर को तमिलनाडु में चेन्नई और कराईकल के बीच से लैंडफॉल करेगा। यह अपने साथ तटीय जिलों में तबाही लेकर आ रहा है। तमिलनाडु के तटीय भागों और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में 23 से 26 नवंबर के बीच व्यापक वर्षा होने की संभावना है लेकिन सबसे भीषण वर्षा की आशंका 24 और 25 नवंबर को है। इन सभी क्षेत्रों पर बादल दिखाई देने लगे हैं और कुछ इलाकों में वर्षा की गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं। श्रीलंका में भी मध्यम से तेज़ बारिश हो रही है।
आज और कल तमिलनाडु की दक्षिणी तटवर्ती इलाकों में ज्यादा बारिश होगी और 25 नवंबर को बारिश का केंद्र बदल जाएगा जब चेन्नई समेत उत्तरी तटीय तमिलनाडु के शहरों और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश के इलाकों में व्यापक वर्षा दर्ज की जाएगी इस दौरान चेन्नई पुदुचेरी तिरुपति नेल्लोर में भारी वर्षा देखने को मिल सकती है इन आंखों में 25 और 26 नवंबर को मूसलाधार बारिश की संभावना है। पंबन रामनाथपुरम कराईकाल पुदुक्कोत्तई नागापटनम तंजावुर और कुड्डालोर में भी भारी बारिश के चलते तूफान बाढ़ लेकर आ रहा है।
संभावित चक्रवाती तूफान निवार के चलते दक्षिणी मध्य बंगाल की खाड़ी से लेकर दक्षिण पश्चिमी बंगाल की खाड़ी श्रीलंका तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय भागों पर समुद्र में हलचल बहुत ज्यादा बढ़ गई है इन सभी क्षेत्रों में कम से कम अगले चार-पांच दिनों तक के समुद्री गतिविधियों को टालने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। मछुआरों से भी इस दौरान बंगाल की खाड़ी से दूर रहने और पूरे इतिहास बरसने के सुझाव दिए गए हैं।
तूफान 'गति' भारत के तटों से गया दूर
उधर अरब सागर पर बना चक्रवाती तूफान 'गति' का भारत के तटों से खतरा टल गया है। यह पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए सोमालिया के पास पहुँच गया है। आज सुबह 5:30 बजे इसकी रास बिन्नाह से दूरी महज़ 150 किमी रह गई थी। संभवतः आज दोपहर से पहले ही इसका लैंडफॉल हो जाएगा। लैंडफॉल के बाद यह कमजोर हो जाएगा।
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