[Hindi] ट्रम्प ने पेरिस जलवायु समझौते को बताया अमरीका के खिलाफ़

May 2, 2017 1:06 PM | Skymet Weather Team

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पेरिस जलवायु समझौते की आलोचना करते हुए कहा है कि यह एक पक्षीय है। उन्होंने भारत रूस और चीन जैसे बड़े देशों की आलोचना की और कहा कि यह देश जितना प्रदूषण फैलाते हैं उसे कम करने के लिए इनका योगदान ना के बराबर है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पेंसिलवेनिया में चुनावी रैली जैसी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पेरिस जलवायु समझौता एकतरफा है और इसे बदलने की जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि पेरिस समझौते में अमरीका को निशाना बनाया गया है और कहा जा रहा है कि अमरीका प्रदूषण फैलाने के बदले पैसे दे जबकि रूस, चीन और भारत इस बारे में कोई भी योगदान नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह अगले दो सप्ताह के भीतर पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर कड़ा फैसला ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद क्या होगा यह देखने वाली बात होगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पद संभालने के सौ दिन पूरा होने के अवसर पर जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। ट्रम्प ने कहा कि पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के तहत अमरीका करोड़ों डॉलर दे चुका है जबकि चीन, रूस और भारत ने अब तक कुछ भी योगदान इसमें नहीं दिया है।

उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेशन पर 2015 में 194 देशों ने हस्ताक्षर किए थे और इसका उद्देश्य था विश्वस्तर पर बढ़ रहे तापमान को नियंत्रित करने के उपाय करना। इसके अंतर्गत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर नियंत्रण कर तापमान में वृद्धि को रोकने का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने कहा कि पेरिस जलवायु समझौता अगर हम मानते हैं तो अमेरिका की जीडीपी 10 वर्षों की अवधि में 2.5 ट्रिलियन डॉलर रह जाएगी। इसका मतलब यह है कि हमारे देश के सभी उद्योग और संयंत्र बंद हो जाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन की मीडिया पर तटस्थ ना होने का आरोप लगते हुए कहा कि यह इन तथ्यों की रिपोर्टिंग नहीं करती।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 100 दिनों का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर अपने फैसलों का बचाव और अपनी सरकार की प्रशंसा करते हुए न सिर्फ अमेरिका को बल्कि दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की कि जिस रास्ते पर वह निकले हैं वह सही रास्ता है और अमेरिका को वह सही मंज़िल तक पहुंचाएंगे। उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल पेरिस जलवायु समझौते को अमेरिका के खिलाफ जताने के लिए इस्तेमाल किया। हालांकि उनकी बातों में सत्यता कितनी है, पेरिस जलवायु समझौते के संबंध में उनके आरोप कितने खरे हैं इसका भारत, चीन और रूस जैसे देशों द्वारा खंडन किया जाना अभी बाकी है।

Image Credit: MSNBC.com

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