बिहार में बीते कुछ दिनों से गर्मी और उमस बढ़ी हुई है। प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान यहां बारिश में कमी दर्ज की गयी है। जिसके कारण यहां के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में भीषण लू का प्रकोप बना हुआ है। खबरों के मुताबिक, भीषण लू के चलते बिहार में अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
सबसे ज्यादा यानि 30 लोगों की मृत्यु औरंगाबाद में हुई है। इसके अलावा, गया में 20 और नवादा में 11 लोगों की जान लू के कारण गयी है। जिसके बाद, बिहार में लू के कारण मरने वालों की संख्या 61 तक पहुँच गयी है।
भीषण लू के चलते बिहार के गया में जिलाधीश ने लू के कारण हो रही मौतों को कम करने के लिए ज़िले में धारा 144 लागू कर दी है। इसके तहत, अब जिले में कहीं भी भीड़ का इकट्ठा होना वर्जित है। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार अब सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक सभी सरकारी/गैर सरकारी निर्माण कार्य, मनरेगा मजदूरों के काम करने और खुले मैदान में हो रहे कार्यक्रमों पर भी रोक लगी रहेगी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार में इस साल प्री-मानसून सीज़न में बेहद कम बारिश दर्ज की गयी है। इस दौरान बारिश की गतिविधियां सिर्फ उत्तर-पूर्वी जिलों जैसे भागलपुर, पूर्णिया, अररिया और सुपौल आदि इलाकों में हुई है। वहीं पटना, गया और नवादा समेत पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में आधे मई से जून में अभी तक सिर्फ 1-2 छिटपुट बारिश की गतिविधियां हुई हैं। इसके अलावा कोई अच्छी बारिश देखने को नहीं मिली है।
जिसके कारण यहां का तापमान सामान्य से काफी ऊपर बना हुआ है। बिहार के पटना में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना हुआ है। मौसम के लगातार शुष्क बने रहने और पश्चिम बंगाल से आ रहीं पूर्वी हवाओं के कारण यहां उमस बढ़ी हुई है। इसके अलावा यहां भीषण लू का भी प्रकोप बना हुआ है।
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मॉनसून की बात करें तो 15 जून तक मॉनसून बिहार के लगभग सभी इलाकों में पहुँच जाता है। लेकिन इस साल अभी तक मॉनसून पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों तक ही पहुँच पाया है। ऐसा मॉनसून के आगमन में देरी के कारण हुआ है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो मॉनसून के बिहार में दस्तक देने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं। तब तक यहां के लोगों को गर्मी और उमस का सामना करना पड़ सकता है।
Image Credit: The Indian Express
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