मॉनसून का आगमन जब पूरे देश भर में हो जाता है उसके बाद मॉनसून की अक्षीय रेखा यानी मॉनसून ट्रफ बनती है और इस ट्रफ के आसपास ही बारिश की गतिविधियां ज्यादा देखने को मिलती हैं। कभी यह मॉनसून ट्रफ मध्य भारत में गुजरात से लेकर ओडिशा तक बनती है तो कभी यह हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुंच जाती है। हिमालय के तराई क्षेत्रों में मॉनसून ट्रफ के कई दिनों तक बनने की स्थिति को मॉनसून में ब्रेक की कंडीशन माना जाता है।
देश के अन्य भागों पर कई दिन अगर कोई प्रभावी मौसमी सिस्टम नहीं होता है और मॉनसून रेखा हिमालय के तराई क्षेत्रों में डेरा डाले है तो देश के मध्य और दक्षिणी भागों में बारिश काफी कम हो जाती है।
पिछले दिनों गुजरात पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना था और झारखंड पर भी एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ था। इन दोनों सिस्टम के प्रभाव से मॉनसून की रेखा दक्षिण में बढ़ते हुए गुजरात से लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी थी। लेकिन अब यह उत्तर वर्ती हो रही है। पश्चिम में पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में तराई क्षेत्रों के करीब पहुंचेगी।
पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून करेगा तांडव
मॉनसून ट्रफ के उत्तरी दिशा में आने के चलते उम्मीद है कि 9 से 12 जुलाई के बीच पूर्वोत्तर भारत के राज्य में असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल, बिहार तथा उत्तर प्रदेश में मूसलाधार वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अधिकांश जगहों पर जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। साथ ही साथ बिहार में भी अधिकांश जगहों पर मध्यम से भारी और कुछ स्थानों पर भीषण वर्षा हो सकती है। इन सभी क्षेत्रों में नदियां उफान पर होंगी जिससे बाढ़ का संकट पैदा हो सकता है।
आने वाले दिनों में नेपाल में भी तेज बारिश होने की संभावना है जिसके कारण उत्तर प्रदेश और बिहार में आने वाली कई नदियां उफान पर रहेंगी। इन दोनों राज्यों के उत्तरी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। उत्तर प्रदेश में रामगंगा, शारदा, गोमती, घाघरा और राप्ती जैसी अन्य नदियां उफान पर हैं। बिहार में गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी और अन्य नदियां उफान पर होंगी।
देश के कई भागों में मॉनसून में ब्रेक
मॉनसून ट्रफ के हिमलाय के तराई क्षेत्रों में जाने के चलते मध्य और दक्षिणी भागों तथा उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां बहुत अधिक नहीं होंगी। मॉनसून ट्रफ के दक्षिण में उत्तर पश्चिमी शुष्क हवाएं चलेंगी जिससे उमस तो कम हो जाएगी लेकिन तापमान बढ़ेगा और मौसम शुष्क रहेगा। पंजाब और हरियाणा के दक्षिणी भागों, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों तथा राजस्थान में अगले दो-तीन दिनों के दौरान शुष्क मौसम देखने को मिलेगा।
हालांकि मध्य भारत में मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिलों में रुक-रुक कर मॉनसून वर्षा होती रहेगी। भारी वर्षा नहीं होगी लेकिन कुछ हिस्सों में अच्छी वर्षा जारी रहेगी। महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल समेत ज्यादातर जगहों पर मॉनसून में सुस्ती देखने को मिलेगी। हालांकि पश्चिमी तटों पर कर्नाटक के कुछ भागों और केरल में अच्छी वर्षा रुक-रुक कर होती रहेगी। गोवा में भी बारिश जारी रहने की संभावना है।
Image Credit: Reuters
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