पूर्वोत्तर भारत के करीब बांग्लादेश पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून चरम पर रहा। बीते 24 से 48 घंटों के दौरान असम, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।मिजोरमके लंगलेई जिले के तलाबुंग में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। तलाबुंग में बारिश और इसके बाद भूस्खलन की घटनाओं में आठ लोगों के मारे जाने की खबर है और कई लापता हैं।
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लंगलेई, सियाहा, लांगतलाई, सेरछिप और चंफई जिलों में भूस्खलन की वजह से मिज़ोरम को असम से जोड़ने वाला राष्टीय राजमार्ग 54 कई स्थानों से कट गया है। भीषण बारिश के कारण आई बाढ़ में मिज़ोरम में सैंकड़ों घर डूब गए हैं और कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। राज्य के शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन मंत्री जोडिंतलुआंगा ने कहा कि कल से राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की वजह से करीब 350 घरों के डूबने की आशंका है।
भारी बारिश का असर असम के भी कई इलाकों में पड़ा है। बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत मेंअसममें सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। गुवाहाटी में 106 मिलीमीटर, मजबत में 88, तेज़पुर में 92 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इन भागों में बारिश से सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है। बारिश के दौरान बिजली गिरने की घटनाओं में दो लोगों के मारे जाने की खबर है।
मेघालयऔरअरुणाचलमें भी बारिश की गतिविधियां लगातार बनी हुई हैं। चेरापुंजी में 57 और पासीघाट में 27 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून वर्षा में धीरे-धीरे कमी आएगी। हालांकि असम और मेघालय जैसे ऊपरी जिलों में कई जगहों पर माध्यम जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश अगले 24 से 48 घंटों तक जारी रह सकती है। बारिश और खराब मौसम के चलते इन भागों में राहत और बचाव कार्यों में प्रशासन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्वोत्तर भारत से सटे बांग्लादेश के कई इलाकों में बीते 2-3 दिनों से मौसम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। इस दौरान भारी बारिश के चलते रंगमाटी, बंदरबन और चटगांव जिलों में 53 लोगों के मारे जाने की खबर है। मरने वालों में बचाव कार्यों में जुटे कई सैन्यकर्मी भी शामिल हैं जो बारिश के बाद भूस्खलन की चपेट में आने से मारे गए।
Image credit: The Indian Express
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