दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र तेज होकर एक प्रभावी निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल गया है और अब यह दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। यह आज शाम तक और तीव्र होकर एक दबाव में बदल जाएगा और पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में उत्तरी तमिलनाडु तट की ओर बढ़ जाएगा। यह 11 नवंबर की सुबह उत्तर तमिलनाडु तट को पार कर सकता है।
तमिलनाडु के तटीय जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। इस दौरान, कराईकल में 287 मिमी, परंगीपट्टनम और कुड्डालोर में 129 मिमी, तंजावुर में 101 मिमी और चेन्नई नुंगमबक्कम में 27 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं दक्षिण तटीय तमिलनाडु के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। चेन्नई और उपनगरों में एक बार फिर बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी और भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है जिससे बाढ़ और जलभराव की स्थितियां पैदा हो सकती हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में हवा की गति 45-55 किमी प्रति घंटे से 60 किमी प्रति घंटे तक होगी। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु तट पर भी समुद्र की स्थिति खराब हो सकती है।
स्काइमेट के मौसमी विशेषज्ञों के अनुसार, चेन्नई के साथ कुड्डालोर, कराईकल, नागपट्टिनम, तंजावुर, रामनाथपुरम, पुडुचेरी में भी जलप्रलय के आसार है। वहीं बारिश की गतिविधियां 12 नवंबर की शाम तक जारी रहने की संभावना है, इसके बाद तीव्रता कम होने लगेगी। नवंबर और दिसंबर बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ अरब सागर के ऊपर साइक्लोजेनेसिस के लिए अनुकूल महीने हैं। 13 नवंबर तक दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक और निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है जो तमिलनाडु और आंध्र तट की ओर भी बढ़ेगा और और तेज होगा। इसलिए, बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित होने वाली क्रमिक मौसम प्रणालियाँ उत्तर-पूर्वी मानसून को सक्रिय बनाए रखेंगी