गुजरात में बीते कई दिनों से मॉनसून कहर बन कर बरस रहा है। राज्य के कई इलाकों में सामान्य जन जीवन पटरी से उतर गया है। जिस निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते गुजरात में मॉनसून सक्रिय है और राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है, वह 26 जुलाई तक प्रभावी रहेगा जिसके चलते दक्षिण-पश्चिमी गुजरात को छोड़कर शेष इलाकों में भीषण वर्षा जारी रहेगी। 27 जुलाई से यह कमजोर होगा तभी भीषण बारिश से राहत मिलने की संभावना है।
फिलहाल गुजरात राज्य के अधिकांश हिस्से भीषण बारिश के बाद नदियों में आए उफान और जलभराव के चलते बाढ़ की चपेट में हैं। गुजरात के उत्तरी हिस्सों में रविवार को मॉनसून का सबसे अधिक ज़ोर रहा। अब तक राज्य में 19 राज्य हाइवे बंद हो चुके हैं। इसके साथ ही राज्य में लगभग 120 सड़कों पर पानी भरने और उनके क्षतिग्रस्त होने के चलते परिवहन प्रभावित हुआ है।
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पिछले 24 घंटों के दौरान दीसा में 248 मिलीमीटर की भीषण मॉनसून वर्षा हुई। इसी तरह इदार में 112 और अहमदाबाद में 64 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस बीच दक्षिणी और पश्चिमी गुजरात में बीते 24 घंटों में बारिश में व्यापक कमी आई है। इन भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा जारी रही। इस दौरान सूरत में 7 मिलीमीटर, बुलसर में 17, कांडला में 38, न्यू कांडला में 21 मिलीमीटर वर्षा हुई। जबकि उत्तरी और पूर्वी गुजरात के भागों में मूसलधार वर्षा का प्रकोप जारी रहा।
राज्य के दक्षिण-पश्चिम के कई इलाकों में बारिश में कमी के बावजूद तबाही का मंजर देखा जा रहा है। इसे भीषण मॉनसून वर्षा का आफ्टर एफेक्ट कह सकते हैं क्योंकि बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं और कई इलाकों में जल प्रलय का कारण बन रही हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के सभी 33 जिलों के 240 तालुका में बरसात हुई।
सौराष्ट्र केसुरेन्द्रनगर, राजकोट, मोरबी, अमरेली, जूनागढ़ एवं गिर-सोमनाथ जिले अति वर्षा से व्यापक रूप में प्रभावित हुए हैं। सुरेन्द्रनगर में बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल, एनडीआरएफ़, वायुसेना के हेलिकॉप्टर एवं आर्मी की मदद ली जा रही है। सौराष्ट्र में परिवहन निगम की 300 बसें रद्द कर दी गई हैं। कच्छ क्षेत्र का मुंबई से रेल संपर्क मार्ग लगातार तीसरे दिन भी बाधित रहा।
बनासकांठा में रविवार को 100 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। इसके चलते एहतियातन सैकड़ों लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हेलिकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। खबरों के अनुसार अब तक राज्य में 7000 से अधिक लोगों को बाढ़ के चलते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ में फंसे 241 लोगों को बचाया गया। गुजरात और आसपास के भागों में आकाशीय बिजली और बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें:
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गुजरात के कच्छ पर बने निम्न दबाव के चलते राज्य में बारिश हो रही है। यह सिस्टम मध्य और उत्तरी गुजरात पर अभी भी सक्रिय है। इसके चलते दीसा, अहमदाबाद, इदार और सुरेन्द्रनगर सहित उत्तरी और मध्य गुजरात में 26 जुलाई तक भीषण मॉनसून वर्षा का कहर जारी रह सकता है।
26 जुलाई के बाद बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे कम हो जाएंगी। हालांकि 26 जुलाई के बाद भी गुजरात के कई इलाकों में हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। इस बीच हालिया मौसम के चलते तटीय इलाकों में भी खतरा बना हुआ है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। तटीय क्षेत्रों में पर्यटकों के जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
Image credit: Zeenews
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