[Hindi] मॉनसून 2018: निर्धारित समय पर केरल में दे सकता है दस्तक

May 5, 2018 10:00 AM | Skymet Weather Team

देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी मौसम पूर्वानुमान कंपनी स्काइमेट और भारतीय मौसम विभाग द्वारा मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान जताए जाने के बाद अब मॉनसून के आगमन को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं। मॉनसून आमतौर पर 1 जून को केरल आता और है और इसका 4 महीनों लंबा सफर शुरू होता है।

हालांकि इसमें 5 दिन पहले या बाद में आगमन को भी सामान्य माना जाता है। स्काइमेट के अनुसार मौसम से जुड़े सभी मॉडल संकेत कर रहे हैं कि 2018 में मॉनसून का केरल में आगमन सामान्य समय पर हो सकता है। इससे पहले 4 अप्रैल को जारी अपने मॉनसून पूर्वानुमान में स्काइमेट ने 100 प्रतिशत बारिश की संभावना जताई है। जिसमें 1 जून से 30 सितंबर के बीच समान्यतः 887 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जाती है। हालांकि इसमें 5 प्रतिशत का मार्जिन रखा गया है।

दक्षिण पश्चिम मॉनसून अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह क्षेत्र में भारत के मुख्य भू-भाग में आने से चार-पांच दिन पहले ही पहुंच जाता है। हालांकि केरल में यह कब आएगा इसको लेकर अध्ययन अभी भी जारी है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून के आगमन की घोषणा कुछ निश्चित मापदंडों के आधार पर की जाती है। जब केरल के चिन्हित 14 केंद्रों पर लगातार बारिश होती है। साथ ही हवा की गति बढ़ जाती है और उसकी गहराई यानि विंड डेप्थ अधिक होती है। इसके अलावा आउटगोइंग लॉन्ग वेब रेडिएशन भी महत्वपूर्ण पहलू है।

यूं तो मॉनसून के आगमन की सामान्य तिथि 1 जून है लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है जब यह तय समय से पहले या तय समय से काफी बाद में आया है। लेकिन अब तक के दर्ज इतिहास में मॉनसून 10 मई से पहले कभी नहीं आया। वर्ष 1971 के बाद से पिछले 47 वर्षों में केवल तीन बार 1980, 2000 और 2013 में ऐसा अवसर आया है जब मॉनसून का आगाज़ 1 जून को हुआ। इन 47 वर्षों में सबसे पहले मॉनसून का आगमन 18 मई को 2004 में हुआ था। और सबसे देरी से आगमन 1972 में 18 जून को हुआ।

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इन 47 वर्षों में 20 वर्ष ऐसे हैं जब मॉनसून 1 जून या उससे पहले आया। जबकि 10 वर्ष ऐसे रहे जब मॉनसून 26 मई से भी पहले केरल में पहुंच गया। पिछले 47 वर्षों में 27 वर्ष ऐसे रहे जब मॉनसून का आगाज़ 1 जून के बाद हुआ और 9 वर्ष ऐसे रहे जब मॉनसून ने केरल में 5 जून के बाद दस्तक दी।

आपको बता दें कि मॉनसून के आगमन और इसके आगे बढ़ने तथा प्रदर्शन के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता है। अक्सर जल्दी आकर भी इसने निराश किया है जबकि देर से आने पर कई बार मॉनसून ने झमाझम बारिश दी है। आंकड़े गवाह हैं कि 2004 में मॉनसून समय से काफी पहले 18 मई को आया लेकिन सामान्य से काफी कम 86 प्रतिशत वर्षा देकर विदा हुआ और देश को सूखे जैसे हालात का सामना करना पड़ा। वहीं 1983 में मॉनसून काफी विलंब से 13 जून को आया लेकिन इस साल देश में 113 प्रतिशत की व्यापक मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई।

इस बीच आपको बता दें कि स्काइमेट जल्द ही केरल में मॉनसून के आगमन का पूर्वानुमान जारी करेगा। आगामी पूर्वानुमान रिपोर्ट में यह भी बताएँगे कि केरल में आने के बाद मॉनसून की आगे की प्रगति कैसी होगी।

Image credit: The Northeast Today

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