राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के शहरों में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है। मैदानी क्षेत्रों में फरवरी में आमतौर पर कई बार बारिश देखने को मिलती है लेकिन इस बार फरवरी महीने में मौसम सूखा ही रहा है। फरवरी के शुरुआती दिनों को छोड़कर शेष पूरे महीने मौसम सुखा ही रहा था। सूखे का क्रम अब टूटने वाला है क्योंकि बारिश के लिए मौसमी स्थितियां अनुकूल बनी हैं और दिल्ली समेत नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद सहित उत्तर-पश्चिम भारत में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में गरज के साथ से वर्षा होने के संकेत मिल रहे हैं।
इस समय एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के ऊपर बना हुआ है तो इसके प्रभाव से पाकिस्तान पर विकसित हुआ चक्रवाती सिस्टम उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे हरियाणा पर पहुंच गया है। इन दोनों मौसमी सिस्टमों के कारण पहाड़ों पर पहले से ही बारिश और बर्फबारी हो रही है जबकि मैदानी राज्यों में मौसम में हलचल अब होगी। पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी कश्मीर से उत्तराखंड तक कई इलाकों में देखने को मिल रही है।
मैदानी इलाकों में मौसमी बदलाव दोपहर बाद आ सकता है और दिल्ली एनसीआर में आज शाम या रात के समय कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ कहीं-कहीं पर बूंदाबांदी या कहीं पर गरज के साथ हल्की वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। हालांकि इस बारिश से मौसम में बहुत व्यापक बदलाव की संभावना या आशंका फिलहाल नहीं है लेकिन सूखे के स्पेल में निश्चित रूप से ब्रेक लगेगी। मौसम में हलचल रात में भी बनी रह सकती है और रुक-रुक कर बादलों की गर्जना के साथ वर्षा हो सकती है।
पंजाब हरियाणा और दिल्ली में कल यानी 8 मार्च से फिर से मौसम साफ हो जाएगा क्योंकि यह मौसम सिस्टम पूर्वी दिशा में निकल जाएंगे। हालांकि हिमाचल प्रदेश लद्दाख उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में 8 मार्च को भी कुछ स्थानों पर रुक रुक कर वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
इस सिस्टम के आगे बढ़ने के बाद पीछे से एक और सक्रिय मौसमी सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ के रूप में आ रहा है जिसका प्रभाव उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में 9 मार्च की रात या 10 मार्च की सुबह से दिखाई देगा और अगले कई दिनों तक चलेगा। आगामी मौसमी सिस्टम के कारण पहाड़ों पर ही ज्यादा वर्षा और बर्फबारी की संभावना है जिस तरह से वर्तमान मौसमी सिस्टम के चलते पहाड़ों पर ही मौसम की सक्रियता ज्यादा रहने की संभावना है। आगामी सिस्टम अपेक्षाकृत ज्यादा सक्रिय रहेगा और ज्यादा लंबे समय तक के पहाड़ों पर बर्फबारी बारिश और ओलावृष्टि देगा।
हालांकि वर्तमान मौसमी सिस्टम के कारण आज शाम या रात के समय संभावित वर्षा के साथ पंजाब में अमृतसर, जालंधर, पठानकोट, तरनतारन, लुधियाना, पटियाला, मोगा, और हरियाणा में चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत में जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर और आसपास के भागों में ओले भी गिर सकते हैं।