पंजाब और हरियाणा के लिए नवंबर का महीना सबसे कम बारिश वाला होता है। यह समय दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी और सर्दियों की शुरुआत के बीच का समय होता है। साथ ही यह सुखद मौसम की स्थिति का प्रभुत्व है। इस दौरान, राज्य के अन्य भागों सहित तरी वाले इलाके में भी कभी-कभी अच्छी वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलती है। वहीं, दूसरी ओर राज्य के आंतरिक भाग लगभग शांत रहते हैं।
राज्य के आंतरिक भागों में बारिश की गतिविधियां नहीं होने के पीछे मुख्य कारण यह है कि पश्चिमी विक्षोभ से प्रेरित होने वाले मौसम प्रणाली नहीं बन प्पाते हैं और यह वही प्रणाली होते हैं जिसका प्रभाव आंतरिक भागों पर देखने को मिल सकता है। इसलिए केवल तराई वाले क्षेत्र ही इससे प्रभावित होते हैं। लेकिन, जब यह दोनों मौसम प्रणालियां एक साथ दिखाई देती हैं, तो इनका परिणाम अच्छी बारिश के रूप में होता है।
इन दोनों मौसमी प्रणाली के प्रभाव के कारण पहले ही 7 से 8 नवंबर के बीच बारिश का एक अच्छा दौर देखने को मिला था। उस दौरान, अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी दर्ज हुई थी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बारिश के लिए अभी परिस्थितियां अनुकूल है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे आसपास के भागों पर एक पश्चिमी विक्षोभ घूम रहा है। इस प्रणाली की वजह से उत्तरी राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित हुआ है। इन दो मौसम प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से पंजाब और हरियाणा में आज और कल हल्की बारिश के साथ कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश होगी।
बारिश की तीव्रता आज यानि 14 नवंबर को अधिक होगी जबकि कल यानि शुक्रवार तक बारिश की गतिविधियां इस क्षेत्र में कुछ हद तक कम हो सकती है। हालांकि इसके बाद भी अगले दो दिनों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे।
सर्दियों की गति भी अलग-अलग मौसम प्रणालियों द्वारा नियंत्रित होती है। पश्चिमी विक्षोभ के आने और जाने से तापमान में बड़ा उतार-चढ़ाव आता है। यह प्रणाली ठंडी हवा लाता है और परिणामस्वरूप, न्यूनतम तापमान बढ़ने पर अधिकतम गिरावट आती है। जब यह सिस्टम पहुंचता है तब परिदृश्य विपरीत होता है। इसके अलावा, ये प्रणालियां हवाओं के प्रवाह को रोकती हैं और इसकी वजह से प्रदूषण का स्तर भी उच्च रहता है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले दो दिनों के दौरान, पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम तापमान बढ़ने की संभावना है। साथ ही, प्रदूषण का स्तर भी ‘खराब से बेहद खराब’ होने वाला है।
Image credit: The Hindu
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