दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 आखिरकार 13 दिनों की देरी के बाद सम्पूर्ण भारत से पिछले हफ्ते विदा हो गया। वापसी की शुरुआत 28 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी पंजाब से हुई थी और देश के सभी भागों से यह वापस हुआ 28 अक्टूबर को। यानि पूरी प्रक्रिया में में एक महीने का समय लगा। इसके साथ ही उत्तर-पूर्वी मॉनसून ने भी भी दक्षिण भारत में दस्तक दी। इसकी शुरुआत 8 दिनों की देरी से हल्की बारिश के साथ हुई।
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पहले घोषित किए गए सख्त चेतावनियों के बावजूद नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन हो रहा है। दिल्ली और इसके आसपास के राज्यों में पराली जलाने की सबसे अधिक घटनाएँ 31 अक्तूबर, 2020 को दर्ज की गईं। इस दिन 3471 स्थानों पर पराली जलाने के मामले सामने आए। जिसका वायु प्रदूषण को बढ़ाने में 40% से अधिक का योगदान रहा। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में से सबसे अधिक 80% मामले पंजाब में दर्ज किए गए। इसके चलते औसत AQI अधिकांश स्थानों पर खराब स्थिति में रहा। कुछ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में दर्ज की गई।
प्रदूषण के खिलाफ दो दशकों का संघर्ष न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच उलझता ही गया है। इसके अलावा निर्माण स्थलों पर उड़ती धूल नियमों को हवा में उड़ा रही हैं, औद्योगिक परिसरों से निकलने वाले मलबे के प्रबंधन से जुड़े मानकों का भी पालन नहीं हो रहा है। इन स्थितियों और COVID-19 महामारी तथा चीन से आयात पर प्रतिबंधों के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने 300 से अधिक थर्मल पावर प्लांट स्थापित किए जाने की समय सीमा को एक बार फिर से आगे बढ़ा दिया है।
केंद्र सरकार एक वैधानिक निकाय का गठन करेगी जिसके पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रदूषण रोधी उपायों को लागू करने के अधिकार होंगे। सरकार ने राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक आयोग गठित करने के लिए अध्यादेश को लागू कर दिया है। इस वैधानिक निकाय में पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनसीआर राज्यों के प्रतिनिधियों के अलावा वैज्ञानिक और प्रदूषण क्षेत्र के विशेषज्ञ और कानूनी विशेषज्ञों शामिल होंगे।
माना जा रहा है कि यह सारी तैयारियां दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को स्थायी रूप से बेहतर करने के लिए एक ऐसी संस्था का गठन करना है जो पहले से कार्य कर रही संस्थाओं की अपेक्षा अधिक सक्षम हो और अब तक की गई कोशिश के बदले अपेक्षित परिणाम प्राप्त किया जा सके। हालांकि अगर किसी नए प्राधिकरण का गठन किया भी जाता है तो उसे पूरी क्षमता में अपने नियमों को क्रियान्वित करने में अधिक समय लगेगा। जबकि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक ऐसा संकट है जिसका तत्काल हल ढूंढ़ने की आवश्यकता है। संक्षेप में कहें तो इस समस्या से कम से कम 2020-21 की सर्दियों में मुक्ति मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है। उच्चतम न्यायालय ने अध्यादेश की जांच करने की इच्छा व्यक्ति की है और तदनुसार मामले की सुनवाई 6 नवंबर के लिए निर्धारित है।
इस बीच अक्टूबर का महीना देश भर में 3% अधिक वर्षा देकर सम्पन्न हुआ। दक्षिण प्रायद्वीप के सभी 5 सब डिवीज़न को अच्छी बारिश देने वाला देश का मिनी मॉनसून यानि उत्तर-पूर्वी मॉनसून इस सप्ताह प्रभावी हो सकता है। अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बनने के साथ तूफान उठने के लिए स्थितियाँ अनुकूल होंगी।
उत्तर भारत
उत्तर भारत के साथ-साथ मैदानी इलाकों और पहाड़ियों पर भी सर्दी बढ़ती जा रही है। पूरे क्षेत्र में साफ आसमान और ठंडी हवा के बीच न्यूनतम सामान्य और अधिक गिरावट होने से समय से पहले सर्दी के आगमन की संभावना है। जम्मू कश्मीर और हिमाचल के मध्य और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 3 और 4 नवंबर को हल्की वर्षा के आसार हैं। जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहलगाम, गुलमर्ग, केलोंग जैसे पर्यटक स्थलों पर समय के साफ पहले ही पारा शून्य के करीब पहुँच गया है।
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत
पूर्वी भारत में इस सप्ताह किसी भी मौसमी हलचल की आशंका फिलहाल नहीं है। इस सप्ताह के दौरान बिहार और झारखंड में तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट आने वाली है। दूसरी ओर उत्तर-पूर्वी भागों में सप्ताह के शुरुआती दिनों में हल्की से मध्यम बारिश होगी जबकि मध्य से आखिर तक मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहने की संभावना है।
मध्य भाग
तटीय ओडिशा में 2 से 4 अक्टूबर के बीच बादल छाए रहने और गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। उसके बाद आसमान साफ हो जाएगा। मध्य भारत के बाकी हिस्सों में पूरे सप्ताह मौसम साफ और शुष्क ही बना रहेगा। दिन में धूप का प्रभाव दिखेगा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तापमान में गिरावट की संभावना है।
दक्षिण प्रायद्वीप
इस सप्ताह देश में सबसे ज़्यादा मौसमी हलचल दक्षिण भारत के क्षेत्रों में ही संभावित है। सप्ताह के शुरुआती दिनों में जहां दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में मध्यम से भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं सप्ताह के उत्तरार्ध के दौरान तमिलनाडु में मॉनसून की हलचल बढ़ जाएगी और अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। इस बीच बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसके कारण सप्ताह के मध्य में आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के कई इलाकों मएन गर्जना के साथ वर्षा होने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर
इस साल दिल्ली में पिछले पांच दशकों में सबसे ठंडा अक्टूबर रहा, जहां इस बार न्यूनतम औसत तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इस सप्ताह भी दिल्ली और एनसीआर के शहरों में बारिश की संभावना नहीं है। साफ मौसम के बीच दिन में धूप और रात ठंडी हवाओं का प्रभाव रहेगा। हालांकि प्रदूषण और धुएं के कारण सुबह के समय धुंध छाई रहेगी। रात का तापमान सामान्य से नीचे लगभग 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
चेन्नई
चेन्नई के लिए सप्ताह बारिश लेकर आया है। हालांकि शुरुआती दो दिनों में हल्की बारिश होगी उसके बाद बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होगी और कई जगहों पर अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। दिन का तापमान लगभग 31 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास हो सकता है।
दिल्ली प्रदूषण
अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में पहुँच गया था। 25 से 26 अक्टूबर के बीच दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण में बेतहासा वृद्धि हुई थी। अब दिल्ली और एनसीआर सहित उत्तरी मैदानी इलाकों में उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। इन हवाओं के साथ पाकिस्तान के पूर्वी और मध्य भागों, पंजाब और हरियाणा में जलाये जा रहे फसल अवशेषों से उठने वाला धुआँ भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आ रहा है।
दिल्ली और एनसीआर में अब न्यूनतम तापमान भी 11 और 12 डिग्री के आसपास पहुँच गया है, जिससे सुबह के समय धुंध और कोहरा छाने लगा है। इसलिए, दिल्ली प्रदूषण सेहत के लिए हानिकारक स्तर पर ही बना रहेगा। हालांकि, उत्तर-पश्चिम दिशा से लगातार मध्यम हवाओं के कारण प्रदूषक कुछ हद तक साफ भी हो सकता है। अगले 3 से 4 दिनों के दौरान मामूली राहत मिल सकती है। दिवाली तक बारिश की उम्मीद नहीं है। पटाखों के धुएं से दिवाली के आसपास स्थिति और खराब होने की आशंका है।
Image credit: Dainik Bhaskar
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