राजधानी दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से अधिकतम तापमान सामान्य से 6 से 7 डिग्री सेल्सियस ऊपर चल रहा था। रात का तापमान भी लगभग 4 डिग्री ऊपर जा रहा था। इस बीच 4 मार्च, रविवार को राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों में हल्के से मध्यम बादल दिखाई दिए और कुछ स्थानों पर धूलभरी हवाएँ चलीं। जबकि कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की बूँदाबाँदी भी देखने को मिली। इन गतिविधियों से पिछले 24 घंटों के दौरान दिन व रात के तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई।
जम्मू कश्मीर के पास एक प्रभावशाली पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ था। इसके चलते दक्षिणी हरियाणा और इससे सटे राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ। इन्हीं मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में कल मौसम में बदलाव दिखाई दिया। हालांकि लोगों को उम्मीद ठीक-ठाक बारिश की थी लेकिन बादल फिर से मृग मरीचिका साबित हुए और दिल्ली को लालच दिखा कर गायब हो गए।
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फिलहाल यह सिस्टम अब निष्प्रभावी हो गए हैं जिससे सोमवार सुबह से ही मौसम साफ हो गया है। अगले 2-3 दिनों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में कोई मौसमी हलचल संभावित नहीं है। धूप तेज़ होगी और पारा भी ऊपर जाएगा लेकिन पर्वतीय राज्यों से आ रही ठंडी हवाओं के प्रभाव से इसमें व्यापक वृद्धि नहीं होगी। बावजूद इसके यह सामान्य से ऊपर ही बना रहेगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राजधानी दिल्ली में 2010 के बाद यह लगातार दूसरा मौका है जब फरवरी का आखिरी सप्ताह और मार्च की शुरुआत बेहद गर्म रही। इससे पहले 2017 में भी फरवरी की विदाई और मार्च का आगमन सामान्य से 5-7 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान के साथ हुई है।
Image credit: Delhi Tourism
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