राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश का इंतज़ार जल्द खत्म हो सकता है। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों के करीब पहुंचे पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब पर विकसित हो गया है। अनुमान है कि यह दोनों सिस्टम पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेंगे जिससे भारत के उत्तरी हिस्सों में मौसम करवट लेगा। यूं तो जम्मू कश्मीर में 2 जनवरी से ही बारिश और हिमपात की गतिविधियां चल रही हैं। जबकि मैदानी इलाके अभी भी बारिश की प्रतीक्षा में हैं।
वर्तमान मौसमी सिस्टमों के आंकलन के अनुसार पंजाब और उत्तरी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में 6 और 7 जनवरी को गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। जैसे-जैसे यह सिस्टम पूर्वी दिशा में बढ़ेंगे दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भागों में भी बारिश देखने को मिलेगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली और इसके आसपास के भागों में 6 जनवरी की रात्रि से कुछ स्थानों पर वर्षा के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं। इन भागों में 7 जनवरी को भी वर्षा जारी रह सकती है।
राजधानी दिल्ली में दिसम्बर में औसतन 9.4 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन इस बार दिसम्बर सूखा बीत गया। जनवरी महीने में 19.3 मिलीमीटर वर्षा राजधानी के लिए सामान्य बारिश है। आगामी अपेक्षित बारिश के दौर से इस अपेक्षा की कुछ हद तक पूर्ति तो होगी लेकिन क्या इस वर्ष की जनवरी में दिल्ली सामान्य वर्षा देखेगी यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगा। बीते वर्ष के जनवरी माह में 1 मिलीमीटर से भी कम वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।
राजधानी और आसपास के मैदानी हिस्सों में बारिश के दौरान 6 और 7 जनवरी को दिन के तापमान में कमी रहेगी जबकि न्यूनतम तापमान में 8 जनवरी से व्यापक गिरावट होने की संभावना है। स्काइमेट का अनुमान है कि 8 जनवरी से 14 जनवरी यानि लोहड़ी/मकर संक्रांति तक दिल्ली सहित उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के लिए स्थितियाँ अनुकूल बन रही हैं।
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