बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में श्रीलंका के तटों के नजदीक बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र और प्रभावी होते हुए जल्द ही डिप्रेशन का रूप ले सकता है। स्काइमेट के अनुमानों के अनुसार यह मौसमी सिस्टम उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा और समूचे प्रायद्वीपीय भारत को प्रभावित करेगा। इन मौसमी परिदृश्यों के बीच पूर्वी तटों के करीब समुद्र में अगले 2-3 दिनों तक काफी अधिक हलचल बनी रहने की आशंका है जिससे मछुआरों को इस दौरान समुद्र में अपनी गतिविधियां बंद कर देनी चाहिए।
इस मौसमी सिस्टम के चलते समूचे तमिलनाड़ु में भारी बारिश होने की संभावना है। राज्य में कहीं-कहीं तेज़ हवाओं के साथ भीषण वर्षा की भी आशंका बनी हुई है। बारिश का प्रसार तमिलनाडु को पार करते हुए धीरे-धीरे उत्तर पूर्वी दिशा में बढ़ेगा जिससे दक्षिण भारत के बाकी राज्यों में वर्षा की गतिविधियां ज़ोर पकड़ेंगी। केरल, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तटवर्ती आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में कई जगहों पर भारी वर्षा दर्ज की जा सकती है।
तमिलनाडु और दक्षिणी तटवर्ती आंध्र प्रदेश को बारिश देने वाला उत्तर-पूर्वी मॉनसून इस समय सक्रिय बना हुआ है। उत्तर-पूर्वी मॉनसून के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी में बनने वाले एक के बाद एक मौसमी सिस्टमों के चलते तमिलनाडु सहित दक्षिण और पूर्वी तटीय भागों में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन रही है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि दक्षिण भारत के अधिकांश भागों में यह मुसीबत अगले 48 घंटों तक बनी रह सकती है। खासतौर पर बारिश का सबसे अधिक प्रभाव पिछले दिनों की तरह तमिलनाडु में देखा जाएगा।
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