गुजरात में देश के बाकी राज्यों की तुलना में मौसम का चक्र काफी अलग है। इस समय देश के अधिकांश भागों में जहां मॉनसून नहीं पहुंचा है वहां प्री-मॉनसून वर्षा हो रही है जबकि गुजरात प्री मॉनसून वर्षा से महरूम है। गुजरात में सर्दियां भी कम पड़ती हैं। या यूं कहें कि मुख्यतः कुछ ही इलाकों में सर्दी का मौसम देखने को मिलता है और वह भी थोड़े समय के लिए। मॉनसून देर से आता है और पहले निकल जाता है।
हमारा तात्पर्य यह है कि गुजरात राज्य, देश के उन राज्यों में से है जहां गर्मी का मौसम साल में सबसे अधिक समय के लिए होता है। इस समय राज्य के अधिकतर हिस्से भीषण गर्मी से परेशान हैं। तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है। मंगलवार को अधिकतम तापमान दीसा में 42.4 डिग्री, अहमदाबाद में 42.0 डिग्री और भावनगर में 41.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
इस बीच सूखे मौसम के लंबे दौर के बाद मौसम राज्य में सक्रिय हो रहा है और जल्द ही गुजरात के दक्षिणी, मध्य और पूर्वी भागों में व्यापक वर्षा देखने को मिलेगी। सौराष्ट्र और गुजरात क्षेत्र प्रभावित होंगे। हालांकि कच्छ क्षेत्र में अभी भी बारिश का इंतजार रहेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 10 जून से 13 जून के बीच गुजरात के अधिकतर जिलों में वर्षा दर्ज की जा सकती है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
दक्षिण में सूरत से लेकर बड़ौदा, अहमदाबाद, कांडला, भरूच, आणंद, वल्लभ विद्यासागर, अमरेली, राजकोट और सुरेंद्रनगर में इस दौरान अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम और कई जगहों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश की तीव्रता पूर्वी जिलों में सबसे अधिक होगी। गुजरात में सूरत होते हुए मध्य भागों तक 12 जून को मॉनसून दे सकता है दस्तक।
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वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति आ सकती है। इसलिए पहले से ही संबंधित एजेंसियों और मॉनसून के शुरुआती महीने में तेज़ बारिश से प्रभावित होने वाले निचले क्षेत्रों में लोगों को तैयार रहने की आवश्यकता है। हालांकि इस बारे में हम आगे भी बदलते मौसम पर नज़र रखते हुए अपडेट करते रहेंगे।
Image credit: VishwaGujarat
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