दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने की ज़रूरत है। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम निर्देश दिए हैं। इनमें दिल्ली में 2000 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर फिलहाल प्रतिबंध लगाना, दिल्ली में बाहर से आने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर ग्रीन टैक्स बढ़ाना और टैक्सी सेवाओं में डीज़ल कारों को सीएनजी में बदलना आदि शामिल हैं। इसी वर्ष ट्रकों पर लगाए गए हरित कर यानि ग्रीन टैक्स को 700 और 1300 रुपए बढ़ाकर 1400 और 2600 रुपए कर दिया है।
अदालत ने यह भी कहा है कि 2005 से पहले के रजिस्ट्रेशन वाले ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। अदालत ने दिल्ली से होकर जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में आने पर रोक लगा दी है। दिल्ली में चलने वाली डीज़ल टैक्सियों को सीएनजी में बदलने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अदालत ने 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया है।
इससे पहले मंगलवार को इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राज्य और केंद्र सरकार एक साथ आएं और दिल्ली की हवा को साफ करने के सभी आवश्यक उपाय करें। अदालत ने कहा था कि आप हवा को स्वच्छ करने का दायित्व अपने हाथ में लीजिये, नियम बनाइए, उन्हें लागू कीजिए और नियम के विरुद्ध जाने वालों पर कार्रवाई कीजिए।
दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऑड और ईवन नंबर की करें अलग-अलग दिन चलाने की छूट पर अदालत का रूख दिल्ली सरकार को हतोत्साहित करने वाला था। अदालत का कहना था कि हम आपको रोक नहीं रहे, लेकिन प्रश्न यह है कि आप इसे लागू किस तरह करेंगे और इससे प्रदूषण रोकने में वाकई में मदद मिलेगी या असमंजस की स्थिति बनेगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने देश भर में, विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण पर बेहद सख़्त रुख अख़्तियार किया है। अदालत ने पेट्रोल में मिट्टी के तेल की मिलावट पर पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाया और कहा कि कोई इसे चेक करने वाला नहीं है। इसके लिए पॉलिसी बननी चाहिए। अगर ईंधन में मिलावट होगी तो प्रदूषण तो बहेगा ही।
दिल्ली के अलावा देश के 13 अन्य बड़े शहरों में भी डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी 2013 में दायर की गई एक जनहित याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा था। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह "कोर्ट यह तय करेगा कि देश के बड़े शहरों में डीजल गाड़ियों पर रोक लगाई जा सकती है या नहीं।" सुप्रीम कोर्ट इस मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार के एक्शन प्लान पर भी सुनवाई भी करेगा।
इस बीच पिछले कई दिनों से दिल्ली में हवा बदलने से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है। उत्तर-पश्चिम से आने वाली शुष्क हवाओं के चलते वातावरण साफ हो गया है जिससे दिल्ली वालों को सांस लेने में राहत हो रही है।
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