उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क हो गया है। दोनों उत्तर और पूर्वी राज्यों में अगले 5-6 दिनों तक मौसम बदलने वाला नहीं है। इस दौरान अनुमान है कि ज़्यादातर हिस्सों में बारिश की संभावना नहीं है। मॉनसून अपने आखिरी चरण में है। यह समय खरीफ फसलों के लिए बेहद जटिल होता है। इस समय सामान्य मॉनसून बौछारें फसलों की उत्पादकता को व्यापक रूप में बढ़ा सकता है। दूसरी ओर कम बारिश से अनाज की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
इस बीच मॉनसून की अक्षीय रेखा बीते कई दिनों से हिमालय के तराई क्षेत्रों में बनी हुई है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य को देखते हुए अनुमान है कि अगले 5-6 दिनों तक इसकी वर्तमान स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होने वाला है। स्काइमेट के प्रमुख मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा आमतौर पर सितंबर के आखिर में हिमालय के तराई क्षेत्रों में जब पहुँचती है तब उसे नीचे आने में समय लगता है। इसके चलते देश के अधिकतर हिस्सों में मॉनसून सुस्त हो जाता है और मौसम ज़्यादातर स्थानों पर शुष्क बना रहता है।
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महेश पालावत के अनुसार मॉनसून ट्रफ के पूर्वी छोर में परिवर्तन तभी हो सकता है जब बंगाल की खाड़ी में कोई चक्रवाती सिस्टम या निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो। दूसरी ओर इसका पश्चिमी सिरा भी किसी मौसमी सिस्टम के इंतज़ार में है। यानि पश्चिमी छोर नीचे तभी आएगा जब उत्तर भारत में आने वाले पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हों और उनके प्रभाव से राजस्थान या हरियाणा पर चक्रवाती सिस्टम विकसित हो। उत्तर प्रदेश और बिहार पर गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
पूर्वी या पश्चिमी दिशा में फिलहाल मॉनसून ट्रफ के जल्द नीचे आने के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनती दिखाई नहीं दे रही हैं जिससे उत्तर प्रदेश और बिहार में अगले 5-6 दिनों तक मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा। उत्तर प्रदेश में मेरठ, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, कानपुर, बांदा, इलाहाबाद, वाराणसी से लेकर बिहार में पटना, गया, औरंगाबाद, मुंगेर, छपरा सहित दक्षिणी और मध्य भागों में शुष्क मौसम के ही आसार हैं।
इस बीच दोनों राज्यों के साथ-साथ नेपाल में भी बारिश में कमी आने से बाढ़ के हालात में सुधार रहेगा। नदियों का जलस्तर भी व्यापक रूप से नीचे जाएगा। हालांकि मॉनसून ट्रफ के तराई क्षेत्रों में होने के चलते गोरखपुर, पीलीभीत, बहराइच, चंपारण, मधुबनी, सितामढ़ी, अररिया, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और भागलपुर में कहीं-कहीं हल्की मॉनसून वर्षा की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता।
Image credit: Jagran.com
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