चक्रवात फ़ानी 2019 में प्री-मॉनसून सीज़न में उठने वाला पहला समुद्री तूफान है। बंगाल की खाड़ी में तूफ़ान फ़ानी शनिवार विकसित हुआ। संभावना है कि रविवार को यह एक भीषण चक्रवाती तूफ़ान का रूप ले सकता है। अगर ऐसा होता है तो बंगाल की खाड़ी में 1891 के बाद यह दूसरा सबसे भयंकर तूफ़ान होगा।
इससे पहले 25 अप्रैल 2006 में आये 'माला चक्रवात' भी बहुत भयानक चक्रवात था। इसके अलावा अप्रैल महीने में सिर्फ 11 चक्रवात देखने को मिले हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अप्रैल के शुरूआती आधे महीने में भारतीय समुद्र में बहुत ही कम चक्रवाती तूफ़ान देखने को मिले हैं इसके अलावा आखिरी आधे महीने में भी इन तूफानों की संख्या कम ही रही।
चक्रवात फ़ानी वर्तमान में दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी और इससे सटे हुए हिन्द महासागर में भूमध्य रेखा के ऊपर गहरे है।
वर्तमान में यह सिस्टम 4.9° उत्तरी अक्षांश, 88° पूर्वी दिशा की ओर, श्रीलंका के कोलंबो से करीब 800 किलोमीटर, चेन्नई से 1160 किमी दक्षिण-पूर्वी और मछलीपट्टनम से 1460 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्वी दिशा में बना हुआ है।
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यह सिस्टम बेहद अनुकूल मौसम में आगे बढ़ रहा है, जिसके कारण अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफ़ान और प्रभावी होकर भीषण चक्रवात का रूप ले सकता है। पहले यह श्रीलंका और केरल को प्रभावित करेगा उसके बाद देश के पूर्वी तटों पर इसका असर देखने को मिलेगा।
अगले 72 घंटों में यानि 28 से 30 अप्रैल के बीच तूफान फ़ानी के कारण दक्षिण भारत के कुछ भागों बारिश देखने को मिलेगी। खासकर केरल, तटीय तमिलनाडु, पुद्दुचेरी और तटवर्ती आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
Image Credit: Scroll.in
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