पिछले कुछ दिनों के दौरान गुजरात तथा दक्षिण पूर्वी और दक्षिण राजस्थान में कई स्थानों पर तेज बारिश की गतिविधियां देखी गई है। मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी जिलों में तेज बारिश हुई है परंतु शेष भागों में हल्की बारिश की गतिविधियां हुई है। यदि महाराष्ट्र की बात करें तो, मध्य महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश की गतिविधियां अच्छी हुई है परंतु विदर्भ मराठवाड़ा सहित मुंबई में हल्की बारिश दर्ज की गई।
एकदम दबाव का क्षेत्र अरब सागर पर बना हुआ है और वहां से एक निम्न दबाव की रेखा पश्चिमी मध्य प्रदेश तक गुजर रही है। उत्तर पश्चिम दिशा से ठंडी तथा शुष्क हवाएं तथा दक्षिण पूर्व से नाम हवाएं इन राज्यों पर मिल रही थी। इन सबके मिले-जुले प्रभाव से यह वर्षा की गतिविधियां हो रही थी। 20 नवंबर को राजस्थान सहित मध्यप्रदेश और गुजरात के पूर्वी जिलों में हल्की वर्षा की गतिविधियां जारी रह सकती हैं।
उसके बाद इन सभी राज्यों में मौसम शुष्क हो जाएगा तथा उत्तर पश्चिम दिशा से ठंडी हवाएं चलने लगेंगे जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। परंतु महाराष्ट्र के कई भागों में अभी भी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। दक्षिण मध्य महाराष्ट्र तथा दक्षिणी कोकण तथा गोवा में मध्यम वर्षा संभव है। इससे प्रभावित होने वाले जिले सांगली, सतारा, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग तथा रत्नागिरी हैं शेष भागों में हल्की वर्षा ही होगी।
1 नवंबर से 19 नवंबर के बीच महाराष्ट्र को सामान्य से 15% अधिक वर्षा प्राप्त हो चुकी है। अगले 3 या 4 दिनों तक जारी रहने वाली वर्षा के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट नहीं होगी तथा वह सामान्य के आसपास या सामान्य से अधिक बने रहेंगे।