श्रीनगर में तापमान शून्य के करीब पहुंचने लगा है और कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी है। श्रीनगर में 27 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 0.1 डिग्री सेल्सियस और उसके बाद 30 अक्टूबर को 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह समय से थोड़ा पहले है। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर शहर में आमतौर पर अक्टूबर के आखिर तक पारा शून्य के करीब नहीं पहुंचता है। खासतौर पर तब जब उत्तर भारत में कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आ रहे हों और पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर देखने को नहीं मिल रहा हो।
आमतौर पर उत्तर भारत में पहाड़ी क्षेत्रों पर आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ऊंचे इलाकों में बर्फबारी होती है जिससे आसपास के शहरों में तापमान तेजी से गिरता है। श्रीनगर में भी उसका असर देखने को मिलता है। अगले कुछ दिनों के दौरान उत्तर भारत में कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आएगा जिसके चलते तापमान में गिरावट में कोई व्यवधान नहीं होगा।
इससे पहले 2009 में अक्टूबर के आखिर में तापमान में इस तरह की गिरावट हुई थी और 26 अक्टूबर को श्रीनगर में पारा -0.1°C रिकॉर्ड किया गया था। श्रीनगर में अक्टूबर महीने के आरंभ में औसत तापमान है 7-8 डिग्री सेल्सियस, अक्टूबर के मध्य में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस और आखिर में दो से 3 डिग्री सेल्सियस।
श्रीनगर में आमतौर पर बर्फबारी की शुरुआत दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में शुरू होती है। इससे पहले श्रीनगर समेत घाटी के शहरों में बर्फबारी सामान्य मौसमी घटना नहीं है। लेकिन अपवाद भी हैं। वर्ष 2018 में 3 नवंबर को कश्मीर में भारी हिमपात हुआ था जिसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग समय से पहले बंद करना पड़ा था।
श्रीनगर में नवंबर में इस तरह की भारी बर्फबारी 9 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हुई थी। इससे यह समझा जा सकता है कि आमतौर पर नवंबर में भारी वर्षा या हिमपात की घटनाएं नहीं होती हैं। आने वाले दिनों में जल्द हिमपात के संकेत भी नहीं मिल रहे हैं। लेकिन तापमान में धीरे-धीरे गिरावट का क्रम अवश्य बना रहेगा। साल 2020 में सर्दियों का आरंभ पहले हो रहा है। सर्दी का यह मौसम लंबे समय तक जारी रह सकता है। साथ ही साथ इस साल कड़ाके की सर्दी हो सकती है और इन सब के लिए मुख्यतः ला नीना के प्रभाव को जिम्मेदार माना जा रहा है।
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