दक्षिण पश्चिम मॉनसून बीते कुछ समय से उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार में सक्रिय बना हुआ है। वर्तमान मौसमी परिदृश्यों के अनुसार पूर्वी उत्तर-प्रदेश के कुछ भागों और उत्तरी झारखंड में बारिश की तीव्रता में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों और उससे सटे इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते पूर्वी राज्यों में यह बारिश हो रही है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम पूर्वी हवाओं के चलते भी यहाँ पर मौसम सक्रिय है।
बीते 24 घंटों के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ प्रमुख भागों में हुई बारिश के आंकड़े इस प्रकार हैं: बिहार में पूर्णिया सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान रहा और यहाँ मौसम केंद्र ने 59.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की। भागलपुर में 26.7, फोर्ब्सगंज में 25.4 और मुजफ्फरपुर में 15.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिन स्थानों पर अच्छी वर्षा हुई उनमें इलाहाबाद भी शामिल है जहां 38 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। वाराणसी में 25.4 और गोरखपुर में 6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पश्चिम बंगाल में कूच बिहार में 59 मिलीमीटर, जलपाईगुड़ी में 38 मिलीमीटर, दार्जिलिंग में 27 मिलीमीटर और आसनसोल में 25 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
स्काइमेट के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कुछ स्थानों पर मध्यम और एक-दो जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। गंगीय पश्चिम बंगाल में भी अगले 24 घंटों के दौरान हल्की वर्षा हो सकती है। पूर्वी भारत के अधिकांश इलाके अगस्त तक बारिश की कमी से जूझ रहे थे, जहां सितंबर में अच्छी बारिश देखने को मिली है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार अधिकांश भागों में सामान्य के आसपास बारिश हो गई है। जबकि बिहार में वर्षा में अभी भी 6 प्रतिशत की कमी रह गई है।
Image credit: The Hindu
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