Skymet weather

[Hindi] जतिन सिंह, एमडी स्काइमेट: इस हफ्ते दक्षिण-पश्चिम मॉनसून हो जाएगा विदा और उत्तर-पूर्वी मॉनसून देगा दस्तक

October 27, 2020 3:23 PM |
MP rains

दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून इस बार कुछ अधिक लंबा टिक गया। दक्षिणी प्रायद्वीप को प्रभावित करने वाला उत्तर-पूर्वी मॉनसून भी अब तक नहीं आया है। संभवतः इसके लिए कुछ हद तक प्रशांत महासागर पर ला नीना की वर्तमान स्थिति जिम्मेदार है। हालांकि इस सप्ताह की शुरुआत में ही इन दोनों मॉनसूनों की स्थिति में बदलाव होगा। यानि देश का मुख्य मॉनसून विदा हो जाएगा और मिनी मॉनसून दस्तक देगा।

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मध्य और दक्षिण भारत के भागों में निर्धारित तिथियों से आगे तक अच्छी बारिश देता रहा। 28 सितंबर को मॉनसून की वापसी शुरू हुई थी लेकिन 6 अक्टूबर के बाद से वापसी में 2 सप्ताह से अधिक के लिए ब्रेक लग गई थी। बंगाल की खाड़ी में लगातार एक के बाद एक बनते मौसमी सिस्टम और मध्य भारत की तरफ उनके रुख के चलते ओडिशा और आंध्र प्रदेश से लेकर तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात के अनेक भागों में बेमौसम बरसात ने काफी नुकसान पहुंचाया। इनमें से अधिकांश राज्यों में औसत से 100% अधिक बारिश हुई और ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा महाराष्ट्र के मराठवाड़ा व मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश ने फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया।

कटाई की अवस्था वाली खरीफ फसलों को बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के कारण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात में धान और कपास के उत्पादन में कमी आने की संभावना है। गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भागों में भी फसलों को नुकसान पहुंचा है। इस वर्ष चावल का उत्पादन 102.36 मिलियन टन और कपास का उत्पादन 37.12 मिलियन गांठ अनुमानित था। लेकिन बेमौसम बरसात के कारण हुए व्यापक नुकसान के कारण अब यह आंकड़े हासिल नहीं किए जा सकते हैं। धान और कपास की फसल को सबसे ज़्यादा नुकसान तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हुआ है। यह दोनों राज्य देश के कुल धान उत्पादन में लगभग 15% का योगदान करते हैं।

नुकसान का आकलन जारी है। शुरुआती अनुमान के आधार पर माना जा रहा है कि तेलंगाना में लगभग 80,000 हेक्टेयर और आंध्र प्रदेश में 71,000 हेक्टेयर में फसल को नुकसान पहुंचा है। धान और कपास के साथ-साथ जिन अन्य फसलों को बड़े पर नुकसान पहुंचा है उनमें रागी और दलहनी फसलें शामिल हैं। खराब मौसम ने फसल में देरी की है और इसलिए, खरीद की समय सीमा को आगे बढ़ाए जाने की संभावना है।

महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश के चलते हाल ही में रोपाई की गई प्याज की फसल चौपट हो गई है। इससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों पर असर पड़ सकता है। इस आशंका के मद्देनजर सरकार ने 15 दिसंबर तक प्याज के लिए आयात नियमों में ढील दी है और कीमतों पर अंकुश के लिए बफर स्टॉक का इस्तेमाल बढ़ा दिया है ताकि बढ़ती कीमतों को रोका जा सके। बंगलुरु, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, त्रिवेंद्रम, चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में हाल के दिनों में प्याज़ की कीमतों में बड़ा उछाल देखा गया है।

यह अक्टूबर महीने का अंतिम सप्ताह है और अब तक इस माह में औसत से 13% वर्षा दर्ज की गई है। इस सप्ताह के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की गतिविधियां नहीं दिखेंगी। इस दौरान बारिश दक्षिणी भागों और पूर्वोत्तर भारत तक ही सीमित रहेगी। अक्टूबर महीने में बंगाल की खाड़ी लगातार सक्रिय रही और एक के बाद एक मौसमी सिस्टम खाड़ी पर उठते रहे, इसके बावजूद अक्तूबर में समुद्री तूफान यह सिस्टम नहीं बन पाये। इस बीच एक बंगाल की खाड़ी पर इस समय भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जो प्रभावी होते हुए 29-30 अक्टूबर को कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है।

उत्तर भारत

समूचे उत्तर भारत में इस सप्ताह भी कोई विशेष मौसमी हलचल संभावित नहीं है। सप्ताह के शुरुआती दिनों में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ज्यादातर भागों में साफ आसमान के बीच दिन आरामदायक रहेगा। जबकि ऊंची पहाड़ियों पर बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है। इस सप्ताह पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश भागों में रात के तापमान में गिरावट होगी जबकि राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 15 डिग्री या उससे ऊपर ही बना रहेगा।

पूर्व और पूर्वोत्तर

पूर्वी भारत में अधिकांश राज्यों बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी मौसमी हलचल की उम्मीद कम है। सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में भी इस अवधि के दौरान किसी महत्वपूर्ण मौसमी गतिविधि की संभावना नहीं है। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में पूरे सप्ताह रुक-रुक कर कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश की संभावना है।

मध्य भाग

तटीय ओडिशा, कोंकण और मध्य महाराष्ट्र में 26 और 27 अक्टूबर को छिटपुट बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मध्य भारत के अन्य हिस्सों में अब बेमौसम बारिश परेशान नहीं करने वाली। मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में रात के तापमान में गिरावट का क्रम शुरू हो जाएगा।

दक्षिण प्रायद्वीप

तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय तमिलनाडु, रायलसीमा, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तटीय कर्नाटक में 26 वे और 27 अक्टूबर गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। तमिलनाडु के दक्षिणी और आंतरिक हिस्सों और केरल में 28 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच मध्यम बारिश होने की संभावना है।

दिल्ली एनसीआर

इस सप्ताह सुबह के समय हल्की धुंध के बीच मंद-मंद हवाएँ चलेंगी। आसमान साफ रहेगा जिससे तेज़ धूप के समय दोपहर की गर्मी बनी रहेगी। न्यूनतम तापमान 13-14 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है और अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।

चेन्नई

सप्ताह के शुरुआती दिनों के दौरान गरज के साथ बारिश की गतिविधियां अपेक्षित हैं। जबकि सप्ताह के उत्तरार्ध से मौसमी हलचल में कुछ कमी आएगी। हालांकि आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और उमस बरकरार रहेगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 34 डिग्री और 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।

दिल्ली प्रदूषण

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अक्टूबर के पहले सप्ताह मध्यम श्रेणी में चल रहा था और अधिक चिंता का विषय नहीं था। लेकिन उसके बाद से हवा में लगातार जहर घुलता गया और दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI 348) ऊपर चढ़ता गया। इस समय दिल्ली-एनसीआर में अधिकांश स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 को पार कर रहा है लेकिन सबसे खराब हालात नोएडा के हैं, जहां एक्यूआई 400 से भी ऊपर पहुँच रहा है।

रात के दौरान हवा की गति लगभग शांत है और दिन में 10 से 12 किमी प्रति घंटे की मंद हवाएँ चल रही हैं। हवा की यह रफ्तार प्रदूषकों को साफ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। न्यूनतम तापमान भी लगभग 14 और 15 डिग्री है, जिसके परिणामस्वरूप सुबह कुछ समय के लिए निचली सतह पर धुंध का आवरण भी बढ़ते प्रदूषण में अपनी भूमिका निभा रहा है।

कम तापमान और हल्की हवाएँ बढ़ते प्रदूषण के लिए अनुकूल स्थिति हैं। 27 अक्टूबर तक, उत्तर पश्चिमी हवाएँ गति पकड़ लेंगी जिससे प्रदूषण स्तर में कुछ हद तक सुधार हो सकता है।

Image credit: Free Press Journal

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try