मॉनसून की औपचारिक समय सीमा 30 सितंबर को सम्पन्न हो जाती है। आज यानि 30 सितंबर के बाद देश में होने वाली बारिश को मॉनसून के पश्चात यानि पोस्ट मॉनसून बारिश के तौर पर देखा जाएगा। चार माह लंबा मॉनसून सीजन 1 जून को शुरू हुआ और कहीं अच्छी तो कहीं सामान्य से कुछ कम वर्षा के साथ 30 सितंबर को सम्पन्न हो गया। दिल्ली सहित देश के उत्तर-पश्चिमी भागों से अब तक समान्यतः मॉनसून वापस हो जाता है। लेकिन पूर्वी नम हवाओं के साथ कुछ ऐसे मापदंड हैं जिनके पूरा नहीं होने के चलते इसकी वापसी की औपचारिक घोषणा नहीं हुई ये अलग बात है कि बीते कई दिनों से दिल्ली सहित उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में बारिश नहीं हो रही है।
देश में वर्ष 2016 के मॉनसून सीजन में कुल 857.9 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। जो सामान्य से लगभग 3 प्रतिशत कम है। आमतौर पर देश में 883.6 मिलीमीटर बारिश सामान्य बारिश मानी जाती है। सामान्य बारिश का यह आंकड़ा बीते वर्षों के बारिश के ऐतिहासिक आंकड़ों पर आधारित होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 96 प्रतिशत या 104 प्रतिशत यानि सामान्य से 4 फीसदी कम अथवा 4 फीसदी अधिक वर्षा को सामान्य वर्षा माना जाता है। यानि कि देश में इस वर्ष मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य रहा और सामान्य वर्षा दर्ज की गई।
उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में इस वर्ष के मॉनसून का प्रदर्शन देखें तो यह सामान्य से 5 प्रतिशत कम रहा। यहाँ कुल 583.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई जबकि औसतन 613.6 मिलीमीटर सामान्य बारिश है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दोनों प्रमुख मौसम केन्द्रों के आंकड़ों में व्यापक अंतर है। दिल्ली के पालम में इस वर्ष 523 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से लगभग 18 प्रतिशत कम है जबकि सफदरजंग पर रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों के अनुसार 622.2 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से करीब 2 फीसदी ही कम है।
मॉनसूनी वर्षा का दौर भले ही सम्पन्न हो गया है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूर्वी नम हवाएँ अभी भी जारी हैं जिसके चलते शहर में लोगों को गर्मी के साथ उमस का भी सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं नम हवाओं के चलते कहीं-कहीं आंशिक बादल बने हुए हैं। अनुमान है कि 2 से 4 अक्टूबर के बीच दिल्ली में छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा दर्ज की जा सकती है। उसके पश्चात 6 अक्टूबर को दिल्ली में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
Image credit: Hindustan Times
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