मॉनसून 2020 सामान्य से बेहतर मॉनसून हो सकता है। साथ ही इसके पिछले 25 वर्षों में सबसे अच्छा मॉनसून होने की भी संभावना बन रही है। चार महीनों के मॉनसून सीजन में जून में जहां 18% अधिक और अगस्त में 27% अधिक बारिश हुई वहीं जुलाई में 10% की कमी रही। यानि कि बीत चुके तीन महीनों में जुलाई को छोड़कर बाकी महीनों में मॉनसून का प्रदर्शन औसत से अच्छा रहा है। अगस्त की विदाई के समय देश में कुल औसत मॉनसून वर्षा सामान्य से 10% ऊपर पहुँच गई थी।
मॉनसून के विषय में एक रोचक तथ्य यह है कि किसी भी मॉनसून वर्ष में चारों महीने अच्छे नहीं बीतते चाहे वो सामान्य से बेहतर बारिश वाला मॉनसून वर्ष हो या सूखा वर्ष हो। वर्ष 2009 में देश ने भीषण अकाल देखा था। लेकिन उस साल जुलाई में सामान्य वर्षा दर्ज की गई थी। इसी तरह आखिरी बार औसत से अधिक वर्षा वाला मॉनसून 1994 में देखा गया लेकिन उस साल आखिरी महीना यानि सितंबर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया था। हालांकि इस मामले में कुछ अपवाद भी होते हैं। वर्ष 1975 और 1961 में मॉनसून का प्रदर्शन अपवाद रहा जब चारों महीनों में सामान्य से अधिक मॉनसून वर्षा हुई। 1975 में सामान्य से 13% अधिक बारिश दर्ज की गई थी जबकि 1961 में 21% ज़्यादा वर्षा हुई थी।
मॉनसून 2020 की भी शुरुआत धमाकेदार हुई थी। लेकिन जुलाई में स्थितियाँ बिलकुल विपरीत हो गईं और बारिश में 10% की भारी कमी दर्ज की गई। लेकिन अगस्त ने साल 2020 के मॉनसून को कमजोर मॉनसून होने के आक्षेप से बचा लिया। अगस्त महीने में औसत से 27% अधिक की ज़बरदस्त बारिश ने मॉनसून 2020 को मजबूत किया और अगस्त के आखिर में कुल मॉनसून वर्षा 110% पर पहुँच गई। 25 वर्षों में सबसे बेहतर मॉनसून होने के लिए अब ज़रूरत है सितंबर में अच्छी बारिश की। सितंबर में औसतन 170 मिमी वर्षा होती है। अगर 10% ज़्यादा बारिश होती है तो यह 25 सालों का सबसे अच्छा मॉनसून माना जाएगा।
सितंबर भी नहीं करेगा निराश
सितंबर का पहला हफ्ता बीत चुका है और इसमें सामान्य से 30% कम बारिश हुई है। लेकिन इसे लेकर ज़्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अरब सागर के मध्य पूर्वी भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते पश्चिमी तटों पर बारिश बढ़ रही है और कई दिनों तक अच्छी बारिश जारी रहेगी। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी पर भी एक मौसमी सिस्टम जल्द ही विकसित होने वाला है जिससे देश के विभिन्न भागों में बारिश बढ़ने की संभावना है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं कि सितंबर के शुरुआती समय में जो कमी रह गई है उसकी भरपाई जल्द हो जाएगी। इसमें एक ऐसा पहलू है जो इस लक्ष्य में बाधक बन सकता है, वो है उत्तर भारत से मॉनसून की जल्द वापसी। साथ ही उत्तर भारत में आने वाले समय में कोई अच्छा स्पैल बारिश का संभावित भी नहीं है।
Image credit: Social media
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।