देश के अलग अलग हिस्सों में कई मौसमी गतिविधियां इस समय बनी हुई हैं। गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव भी जारी है। अरब सागर में पहले से बना डीप डिप्रेशन अब कमजोर होकर गुजरात के ऊपर पहुँच चुका है। यह तीनों मौसमी गतिविधियां न केवल पूर्वी, मध्य और उत्तर भारत में बारिश दे रही हैं बल्कि इनके प्रभाव से ही मॉनसून भी तेज़ी से आगे बढ़ सकता है। मंगलवार को मॉनसून ने गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ और भागों में दस्तक दे दी है जबकि यह छत्तीसगढ़ और झारखंड के सभी भागों में पहुँच चुका है। उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में भी मॉनसून का आगाज हो चुका है। मॉनसून का पूर्वी सिरा अगले 48 से 72 घंटों के दौरान सक्रिय रहेगा और शीघ्र प्रगति करेगा। गंगा के मैदानी भागों के ऊपर बने निम्न दबाव के चलते पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले 2 दिनों तक बारिश की गतिविधियां चलती रह सकती हैं। इसी दौरान मॉनसून को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और यह बिहार तथा उत्तर प्रदेश के सभी इलाकों को पार करते हुये उत्तर भारत में भी पहुँच सकता है। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में पहले से ही बीते 3 दिनों से मौसम ने करवट ले ली है। इन भागों में प्री-मॉनसूनी बारिश हो रही है। उत्तर भारत के इन मैदानी भागों में भी अगले 3 दिनों के दौरान हवाओं के रूख में बदलाव आएगा और जल्द ही मॉनसून इन राज्यों में भी दस्तक दे सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बारिश की गतिविधियां जारी हैं, जो उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू व कश्मीर में भी मॉनसून के आगमन पहले की बारिश मन सकते हैं। इन राज्यों में भी अगले 3 दिनों में मॉनसून पहुँच सकता है। अरब सागर में बना डीप डिप्रेशन अब कमजोर होकर डिप्रेशन का रूप ले चुका है, हालांकि कमजोर पड़ने से पहले ही इसने गुजरात में बीते 24 घंटों के दौरान भारी बारिश दी है, जो अगले 24 से 48 घंटों के दौरान भी जारी रहेगी। यह डिप्रेशन अब कुछ और कमजोर होकर निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है, लेकिन यह आगे बढ़ते हुए उत्तर पूर्व की ओर गुजरात के कुछ और भागों, राजस्थान और मध्य प्रदेश के पश्चिमी इलाकों को प्रभावित करना शुरू करेगा। इस निम्न दबाव के चलते इन तीनों राज्यों में अगले 2 दिनों के दौरान अच्छी बारिश होने के आसार हैं। Image Credit: Dailymail