दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के आगे बढ़ने में वर्तमान मौसम सहयोगी की भूमिका में दिख रहा है। अनुमान है कि मॉनसून समय से केरल पहुंचेगा। स्काइमेट के अनुसार मौसम के मॉडलों से संकेत मिल रहा है कि मॉनसून और सक्रिय होने के साथ श्रीलंका होते हुये बंगाल की खाड़ी के मध्य व दक्षिण के और अधिक भागों तक जल्द ही पहुँच जाएगा।
इस समय बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्व और मध्य भागों में घने मॉनसूनी बादल देखे जा सकते हैं। समूचे अराकान तट और म्यांमार के तटवर्ती भागों पर भी घने बादल छाए हुये हैं। इन भागों में पिछले 5 दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसे मॉनसून आने के पहले उसकी आहट समझा जा सकता है। स्काइमेट के अनुसार अराकान तट पर बने घने बादल चक्रवाती हवा का क्षेत्र बनने और बाद में उसके निम्न दाब के क्षेत्र में बादल जाने का संकेत करते हैं। इस मौसमी हलचल से मॉनसूनी हवा प्रभावित होगी और अंततः यह मॉनसून को केरल पहुंचाएगा।
दक्षिण भारत में बारिश रूक गई है लेकिन ये कोई चिंता जैसी स्थिति नहीं है। इस अवधि में बारिश लगातार नहीं होती बल्कि बीच-बीच में आती-जाती रहती है। मॉनसून के संदर्भ में मौसम के अन्य अधिकतर पहलू भी अनुकूल हैं। समुद्र उपयुक्त गर्म है और इंटर ट्रोपिकल कनवर्जेंस जोन (ITCZ) भी सक्रिय है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आमतौर पर 20 मई को अंडमान व निकोबार पहुँचता है जबकि इस बार यह 4 दिन पहले 16 मई को इस द्वीपीय क्षेत्र में पहुँच चुका है। इसके चलते बंगाल की खाड़ी में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश की गतिविधियां हो रही हैं।
मॉनसून के समय पर आने की बात स्काइमेट लगातार कह रहा है। हम उम्मीद कर सकते हैं की केरल में मॉनसून की दस्तक समय से होगी।