स्काइमेट ने 22 अप्रैल को रिलीज़ किए गए अपने मॉनसून पूर्वानुमान में इसके सामान्य रहने का अनुमान जताया था। अब यह आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि मॉनसून अपने सामान्य समय 1 जून को केरल की धरती को छूएगा। प्री-मॉनसून बारिश की गतिविधियां देश के कई हिस्सों में बढ़ गई हैं, अगले हफ्ते तक बारिश कई और इलाकों में भी शुरू हो जाएगी। पहले स्काइमेट ने 27 मई से देश में मॉनसून की शुरुआत का अनुमान लगाया था। मौसम विश्लेषण में +/-5 दिन का एरर मार्जिन भी रखा गया था।
स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार वर्षा वाले मॉनसूनी बादल बंगाल की खाड़ी में अंडमान के आसपास 25 मई तक पहुँच सकते हैं और इसके बाद मॉनसूनी हवाओं के अपनी सामान्य गति से केरल में भी पहुँचने का अनुमान है।
समय पर शुरुआत और मॉनसून के प्रदर्शन के बीच संबंध
मॉनसून की समय पर शुरुआत का इसके प्रदर्शन या इसके आगे बढ़ने में कोई सीधा संबंध नहीं है। नीचे दिये गए आंकड़ों में देखने पर इन दोनों स्थितियों को आप स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं।
यहाँ हम देख सकते हैं कि 2009 में मॉनसून की शुरुआत काफी पहले हो गई थी जबकि 2009 में सूखा पड़ा। दूसरी ओर 2008 में केरल के तट पर बारिश 7 जून से शुरू हुई और मॉनसून सामान्य रहा। हालांकि भारत में मॉनसून की समय पर शुरुआत खरीफ फसल की बुआई के लिए बेहद अहम होती है।
मॉनसूनी हवाओं का पश्चिमी छोर आमतौर पर तेज़ी से आगे बढ़ता है। देश में 1 जून को दस्तक देने के बाद दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून मुंबई को भिगोते हुये 10 जून तक दहानू पहुँच जाता है। मॉनसून का पूर्वी छोर भी शुरुआत में तेज़ी से आगे बढ़ता है जबकि कुछ दूरी तय करने के बाद इसकी गति धीमी हो जाती है। मॉनसून की सबसे धीमी प्रगति राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों तक पहुँचने के दौरान होती है। 29 जून को दिल्ली में दस्तक देने के बाद इसे राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों तक पहुँचने 12 दिन लग जाते हैं।
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