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[Hindi] केरल में मॉनसून का आगाज़

June 8, 2016 3:17 PM |

Monsoon arrived in Keral Updated on June 8 01:00 PM: भारत में मॉनसून की प्रतीक्षा अब खत्म हो गई है क्योंकि आज सरकारी एजेंसी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून के केरल में दस्तक देने की आधिकारिक घोषणा कर दी। हालांकि बीते कई दिनों से केरल में अच्छी बारिश हो रही थी लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मॉनसून की घोषणा के लिए आवश्यक मानदंडों में कुछ पूरे नहीं हो रहे थे।

दक्षिण पश्चिम मॉनसून का वर्तमान प्रदर्शन और प्रायद्वीपीय भारत में चल रही हवाएँ इस बात के स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि मॉनसून दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में तत्परता से आगे बढ़ेगा और जल्द ही यह और भागों में पहुँच जाएगा।

मॉनसून पर 7 जून को प्रकाशित लेख: थोड़ी सुस्ती के बाद केरल और कर्नाटक में मॉनसूनी बारिश ने फिर से ज़ोर पकड़ लिया है। स्काइमेट के अनुमानों के अनुसार अच्छी खबर यह है कि केरल और कर्नाटक के साथ लक्षद्वीप में अगले 3-4 दिनों के दौरान मूसलाधार बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश में कभी बढ़ोत्तरी हो जाना या कभी अचानक ही वर्षा का कम हो जाना मॉनसून सीजन की सामान्य घटना है और ऐसा प्रायः होता रहता है। प्रायद्वीपीय भारत के दोनों तटों पर बने मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से केरल सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में वर्षा की गतिविधियां हो रही हैं। कर्नाटक के तटों के पास अरब सागर में बना चक्रवती हवाओं का क्षेत्र पश्चिमी तटों पर अच्छी वर्षा दे रहा है और संभावना है कि यह और प्रभावी होगा।

पूर्वी तटों पर आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा के करीब बंगाल की खाड़ी में भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जब दो प्रभावी मौसमी सिस्टम आसपास में बने हों तो यह दोनों एक दूसरे को और सशक्त बनाते हैं। इन सिस्टमों के प्रभाव से मॉनसूनी हवाएँ मजबूत हुई हैं और बारिश की तीव्रता में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है।

यद्यपि स्काइमेट इस बात का प्रबल पक्षधर है कि केरल में मॉनसून पहले ही आ चुका है। हालांकि सरकारी एजेंसी द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। स्काइमेट अपने तर्क के समर्थन में उन आंकड़ों को यहाँ प्रस्तुत कर रहा है जिनसे मॉनसून के आगमन के संकेत मिलते हैं। एक नज़र डालते हैं उन पूर्व-निर्धारित 14 स्थानों पर हो रही बारिश के आंकड़ों पर जो यह तय करते हैं कि भारत के मुख्य भू-भाग पर मॉनसून का आगमन हो चुका है। इन 14 स्थानों के 60 प्रतिशत भू-क्षेत्र पर 2.5 मिलीमीटर बारिश लगातार 2 दिनों तक होने पर मॉनसून की घोषणा की जाती है। जबकि नीचे दी गई तालिका के अनुसार 14 स्थानों पर लगातार दो दिनों के दौरान लगभग 78% वर्षा दर्ज की गई है।

Kerala-Table-June-8

Image Credit: Irisholidays.com

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख का इस्तेमाल करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 






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