स्काइमेट के अनुमानों के अनुसार जून में मॉनसून का प्रदर्शन अच्छा रहा है। केरल में समय से पहले पहुंचा मॉनसून बीते कुछ दिनों से पिछड़ रहा था। लेकिन विगत 48 घंटों में यह तेज़ी से आगे बढ़ते हुए उत्तर भारत के कई इलाकों तक पहुँच गया। इस बीच जून में देश भर में सामान्य से 4 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। यह अलग बात है कि बारिश का वितरण समान रूप से सभी भागों में नहीं हुआ है। कुछ हिस्सों में बहुत अधिक तो कहीं-कहीं काफी कम वर्षा हुई है। बारिश की अवधि भी अव्यवस्थित रही है। हालांकि आने वाले दिनों में इसमें संतुलन की आशा है।
1 जून से अब तक देश भर में सामान्य से 4 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि जून में सामान्य से अधिक हुई बारिश के चलते खरीफ फसल की बुआई में मदद मिलेगी। हाल की मॉनसून वर्षा ने किसानों की चिंता कम कर दी है। जून की बारिश ने किसानों को प्रेरित किया है जिससे खेती का दायरा बढ़ सकता है। एक अनुमान के अनुसार भारत में इस सीजन में सामान्य से 19% अधिक खेती हो सकती है।
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कृषि प्रधान राज्यों हरियाणा और पंजाब में मॉनसून के पहुँचने से पहले ही अच्छी बारिश दर्ज की गई है। उत्तर भारत में 2 जुलाई तक इस सीजन में होने वाली कुल मॉनसून वर्षा से 49 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी ही। सामान्य से काफी अधिक हुई बारिश के चलते इन राज्यों में मिट्टी में पर्याप्त नमी है जिससे खरीफ बुआई में किसानों को मदद मिलेगी।
दूसरी ओर कुछ ऐसे इलाके भी हैं जहां मॉनसून को लेकर लोग उदास हैं। बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के आंतरिक हिस्सों में वर्षा अपेक्षा से कम हुई है। हालांकि उत्तर प्रदेश और बिहार में आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है जिससे इस कमी की भरपाई हो सकती है। दक्षिण भारत में भी मॉनसून में सुधार होगा।
जून और जुलाई महीनों में खरीफ फसलों की बुआई पूरे चरम पर होती है और ऐसे में अपेक्षित वर्षा किसानों के लिए बड़ी राहत है। उम्मीद करते हैं की जून की तरह जुलाई भी अच्छी बारिश के साथ विदा होगा।
Image Credit: NYDailyNews
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