भारत में 4 महीनों का मॉनसून सीजन 1 जून से शुरू होता है। केरल में आगमन के बाद भारत के आखिरी क्षेत्र यानि पश्चिमी राजस्थान तक पहुँचने का इसका सामान्य समय पहले 15 जुलाई होता था। इस साल मॉनसून के आगमन और वापसी के समय में संशोधन किया गया है। पश्चिमी राजस्थान में 15 जुलाई से घटकर इसे 8 जुलाई कर दिया गया है, जहां 26 जून को ही (सामान्य समय से दो सप्ताह पहले) मॉनसून ने दस्तक दे दिया।
नीचे दिए गए टेबल में देख सकते हैं कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश के सभी क्षेत्रों को कवर करने में मॉनसून को कितना समय लगा:
मॉनसून सीजन 1 जून से शुरू होने के बाद 30 सितंबर तक जारी रहता है। यानी देश के विभिन्न भागों में 4 महीनों के दौरान अलग-अलग क्षमता में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। देश भर में मॉनसून के आगमन के बाद ही मॉनसून का असंतुलित रूप देखने को मिलने लगा है। मध्य भारत और दक्षिण भारत के अधिकांश क्षेत्रों के साथ-साथ उत्तर में मॉनसून इस समय सुस्त हो गया है। दूसरी ओर पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में मॉनसून का उग्र प्रदर्शन दिखाई दे रहा है जिसकी वजह से सामान्य जनजीवन कई इलाकों में प्रभावित हुआ है।
बीते कुछ दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में असम, मेघालय और नगालैंड के कुछ हिस्सों तथा सिक्किम और हिमालयी पश्चिम बंगाल और बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार वर्षा के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर भीषण वज्रपात की घटनाओं में कई लोगों की मौत हो चुकी है।
दूसरी ओर पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के साथ-साथ उत्तर भारत में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश में कमी देखने को मिल रही है।
सामान्य से अधिक हुई है देश में अब तक बारिश
1 जून से लेकर 27 जून के बीच पूरे देश में सामान्य से 22% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से देखें तो मध्य भारत के भागों में सामान्य 40 फीसदी ज्यादा वर्षा हुई है। जबकि उत्तर भारत में सामान्य से 11% अधिक, पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 18% अधिक वर्षा हुई है। दक्षिण भारत के भागों में सामान्य से 4% ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
असंतुलित मॉनसून वर्षा ही रहेगी जारी
अगले दो-तीन दिनों के दौरान भी मॉनसून का कुछ इसी तरह का रहेगा मिजाज। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के भागों में मध्यम से भारी वर्षा जारी रहेगी। मध्य भारत में भी ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में रुक-रुक कर वर्षा होती रहेगी। दक्षिणी राज्यों में तेलंगाना, कर्नाटक और केरल में भारी वर्षा हो सकती है जबकि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के आसार नजर आ रहे हैं। कह सकते हैं कि जून की विदाई सामान्य से अधिक मॉनसून वर्षा के साथ होने की संभावना है।
Image Credit: Downtoearth
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