कुछ दिनों के विलंब के बाद मॉनसून ने कल दिल्ली में दस्तक दे दी। राष्ट्रीय राजधानी में मॉनसून का आगमन आमतौर पर 28-29 जून को होता है जबकि इस बार इसमें कुछ देरी हुई और यह 2 जुलाई को पहुंचा। यह अलग बात है कि मॉनसून के आने से पहले ही दिल्ली में भारी बारिश की गतिविधियां दर्ज की जा रही थीं। 1 जून के बाद से अब तक दिल्ली के सफदरजंग में 233.5 मिलीमीटर और पालम में 147.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो सामान्य से काफी अधिक है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में बीते कई दिनों से घने बादल बने हुए थे और लगातार बारिश हो रही थी। दक्षिण पश्चिम मॉनसून बीते कुछ दिनों से पूर्वी भारत में बिहार में पहुँच कर ठहर गया था। 1 जुलाई को यह तेज़ी से आगे बढ़ा और जम्मू कश्मीर तक पहुँच गया। कल भी मॉनसून में कुछ और प्रगति देखने को मिली और इसने दिल्ली को कवर कर लिया।
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बीते 24 घंटों के दौरान बारिश की गतिविधियों में कमी आई है। रविवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान पालम मौसम केंद्र ने 4.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान सफदरजंग में भी 4.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। बीते दिनों की बारिश के चलते तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री नीचे चल रहा है। रविवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हालांकि अधिक आर्द्रता के कारण उमस परेशानी का शबब बनी हुई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राजधानी दिल्ली में लोगों को बारिश कम होने से यातायात में जाम की समस्या से कुछ राहत मिलेगी लेकिन गर्मी और बढ़ी उमस मौसम को कुछ असहज कर सकती है। हालांकि उत्तर भारत में बने मौसमी सिस्टम अभी भी सक्रिय हैं जिससे दिल्ली, नोएडा, फ़रीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में रुक-रुक कर हल्की मॉनसूनी फुहारें जारी रहने की संभावना बनी हुई है।
Image credit: The Indian Express
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