भारत में मॉनसून सीज़न में औसतन 887 मिमी वर्षा होती है। इसमें जून की हिस्सेदारी 18% है। जून में केरल में मॉनसून आता है और धीरे-धीरे देश के बाकी हिस्सों में दस्तक देता है। जून में भारत में सबसे ज़्यादा बारिश पश्चिमी घाट पर और पूर्वोत्तर राज्यों में देखने को मिलती है क्योंकि इन क्षेत्रों में मॉनसून का आगमन हो जाता है। इस बार भी जून में इन्हीं क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा बारिश हुई है। खासकर जून के आखिरी दिनों में मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय हिस्सों पर जमकर बरसा है मॉनसून।
दूसरी ओर उत्तर-पश्चिम भारत में जून में सबसे वर्षा देखने को मिलती है क्योंकि यहाँमॉनसून सबसे देर से दस्तकदेता है।
इस साल 2019 में जून में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। स्काइमेट ने पहले से ही कम वर्षा का अनुमान लगाया था। जून में भारत में 33% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। यानि पूरे देश में बारिश के आंकड़े सूखे जैसे हालात का संकेत करते हैं। जून महीने में जहां 170 मिमी वर्षा होती है औसतन वहाँ साल 2019 के जून महीने में मात्र 112 मिमी बारिश हुई।
जबकि मुंबई में जहां पूरे महीने में आमतौर पर 493 मिमी बारिश होती है वहाँ 516 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। जून में औसत बारिश का आंकड़ा हर दिन बदलता है। यानि जहां 1 जून देश में सामान्य बारिश का आंकड़ा 2.6 मिमी है वहीं 30 जून को यह बढ़कर 7.9 मिमी पर पहुँच जाता है। यह बदलाव इसलिए आता है क्योंकिमॉनसून वर्षा का दायरालगातार बढ़ता जाता है।
जून 2019 में मॉनसून का प्रदर्शन पहले 15 दिनों में काफी निराशाजनक रहा। 1 जून से 15 जून के बीच देश में सामान्य से 40% कम बारिश दर्ज की गई। मॉनसून सीज़न के पहले महीने जून के दूसरे पखवाड़े में भी स्थितियाँ बहुत अच्छी नहीं रहीं और देश भर में बारिश में कमी के आंकड़ों में बहुत अधिक सुधार देखने को नहीं मिला। हालांकि जून का आखिरी सप्ताह काफी अच्छा रहा जब कई इलाकों में बारिश हुई। विशेष बारिश मध्य भारत के भागों और पश्चिमी तटीय इलाकों में खासकर महाराष्ट्र के तटों पर देखने को मिली।
क्षेत्रवार बारिश के आंकड़े देखें तो सबसे ज़्यादा कमी पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में रही। यहाँ सामान्य से 37% कम बारिश हुई। उत्तर-पश्चिम भारत में जहां अभी मॉनसून का इंतज़ार हो रहा है, वहाँ सामान्य से 32% कम, मध्य भारत में 31% कम और दक्षिणी भागों में 30% कम बारिश हुई है।
बारिश में कम से खेती हुई खराब
जून में कम वर्षा के कारणखरीफ़ फसलों की बुआईपर बुरा असर पड़ा है। देश में चिंता है। देश के अर्थवयवस्था को गति देने वाला कृषि क्षेत्र इस समय संकट की स्थिति में है। मध्य भारत में खासकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मूँगफली तथा सोयाबीन की बुआई पिछड़ी है जबकि देश के बाकी हिस्सों में मुख्य खाद्यान्न फसल धान की बुआई में देरी हो रही है। जिन भागों में धान की रोपाई हो गई है वहाँ फसल कम पानी के कारण संकट में है।
Image credit: The Hindu
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