दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 की स्थिति अब तक निराशाजनक रही है। अब तक आधे भारत में ही मॉनसून आया है। बाकी हिस्सों में बेसब्री से मॉनसून के आगमन की प्रतीक्षा जारी है। जिन भागों में मॉनसून पहुंच चुका है वहाँ भी बहुत अच्छा प्रदर्शन देखने को अब तक नहीं मिला है। मालूम हो कि, भारतीय भूभाग में केरल के रास्ते मॉनसून का आगमन होता है। इस बार मॉनसून ने केरल में एक सप्ताह की देरी से दस्तक दी थी। केरल में 8 जून को मॉनसून का आगमन हुआ था।
राजस्थान भारत का ऐसा राज्य है जहां मॉनसून सबसे आखिर में पहुंचता है। राज्य में आमतौर पर 1 जुलाई तक मॉनसून प्रवेश कर जाता है और 15 जुलाई के करीब मॉनसून पूरे राजस्थान के हिस्से को कवर कर लेता है। हालांकि, इस बार दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 पहले ही देरी से चल रहा है। इसलिए राजस्थान में भी मॉनसून के आने में देरी की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून जुलाई के पहले सप्ताह के आखिर तक राज्य में दक्षिण-पूर्व में जालौर, सिरोही, झालावाड़, कोटा और उत्तर-पूर्व में जयपुर और चूरू के रास्ते दस्तक दे सकता है। राजस्थान में 3 से 5 जुलाई के आसपास मॉनसून प्रवेश कर सकता है। जिसके बाद राज्य के दक्षिणी और पूर्वी भागों में अच्छी बारिश देखी जा सकती है।
राजस्थान में शुरुआत राज्य के दक्षिणी भागों से भले ही जुलाई के पहले सप्ताह तक हो सकती है लेकिन जैसलमर, बाड़मेर सहित पश्चिमी जिलों तक पहुँचने में यह समय ले सकता है। हमारा अनुमान है कि समूचे राज्य में 15-20 जुलाई के आसपास पूरे मॉनसून पहुँच जाएगा। आपको बता दें कि केरल जहां मॉनसून का पहला ठिकाना है वहीं राजस्थान मॉनसून का आखिरी पड़ाव है।
मॉनसून की अब तक की प्रगति
मॉनसून 20 जून से काफी तेज़ी से आगे बढ़ा और महाराष्ट्र के भागों को पार करते हुए मध्य प्रदेश और गुजरात में भी कुछ हिस्सों में इसने दस्तक दे दी। साथ ही पूर्वी भारत में भी मॉनसून ने पिछले दिनों रफ्तार पकड़ी और वाराणसी, गोरखपुर से आगे बहराइच तक आ गया। लेकिन अब स्थितियाँ बदल गई हैं। मॉनसून फिर से सुस्त हो गया है।
अगले तीन दिनों तक मॉनसून में किसी तरह की प्रगति होने की संभावना नहीं है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 29 जून को बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होगा जिसके प्रभाव से मॉनसून आगे बढ़ेगा। मॉनसून के आगमन में देरी के बावजूद उम्मीद है कि राजस्थान में लोगों को ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। संभावनाओं के मुताबिक, मानसून के आगमन की सामान्य तिथि यानि 15 जुलाई के आसपास ही मॉनसून दस्तक दे सकती है।
सामान्य से ज्यादा बारिश
राजस्थान में अधिकांश स्थानों पर अब तक बारिश सामान्य से ज्यादा हुई है। यहाँ तक कि जिन भागों में मॉनसून का आगमन हो गया है उन भागों में भी बारिश सामान्य से पीछे है। आंकड़ों में देखें तो राजस्थान में 1 जून से 26 जून तक सामान्य से 7% ज्यादा 40.3 मिमी बारिश हुई है। जबकि यहाँ बारिश का सामान्य आंकड़ा 37.6 मिमी है।
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