दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2018 देश के लगभग सभी भागों से जल्द ही अलविदा कहने वाला है। बीते कुछ सालों में यह सबसे तेज़ी से मॉनसून वापसी माना जा रहा है। इस समय मॉनसून 2018 समूचे उत्तर, पूर्वी और मध्य भारत को अलविदा कह चुका है। महज़ दक्षिण भारत के कुछ इलाकों पर अभी दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। जल्द ही इन भागों से भी मॉनसून वापस लौट जाएगा। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान समय में मॉनसून की वापसी की सीमा वेंगुर्ला, गडग, कुरनूल और मछिलीपट्टनम के पास तक पहुँच गई है। जल्द ही बाकी भागों से भी आगे निकल जाएगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू होती है और दक्षिण भारत से भी यानि देश के सभी भागों से इसके विदा होने में लगभग एक महीने का समय लग जाता है। पिछले मॉनसून सीज़न में 27 सितंबर को वापसी शुरू हुई थी और 24 अक्टूबर तक यह सभी भागों से विदा हुआ था। इससे पहले के दो वर्षों 2015 और 2016 में मॉनसून की वापसी में 40 दिनों से भी अधिक का समय लग गया था। आमतौर पर मॉनसून की वापसी 15 अक्टूबर के बाद ही होती है। लेकिन वर्ष 2018 में शायद यह 10 अक्टूबर से भी पहले लौट जाएगा।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के साथ ही देश भर में मौसम में बदलाव हो रहा होता है। इस दौरान मध्य और पश्चिमी भागों में गर्मी की के बार फिर से वापसी हो जाती है। इन भागों के कई राज्यों में तेज़ गर्मी का प्रभाव दिखाई देता है। दूसरी ओर उत्तर भारत में मौसम धीरे-धीरे सुहावना हो जाता है और मौसमी गतिविधियां कम हो जाती हैं। अब उत्तर भारत में बारिश के लिए सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों पर निर्भर रहना होता है। उत्तर भारत के पहाड़ों पर बारिश देने के बाद यह सिस्टम पूर्वोत्तर भारत की ओर जाता है और बारिश देता है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई से ही उत्तर-पूर्वी मॉनसून के आगमन के लिए रास्ता साफ हो जाता है। जो दक्षिण भारत में आता है और कई राज्यों में अच्छी बारिश देता है। मौसमी परिदृश्य उत्तर-पूर्वी मॉनसून के आने के लिए अनुकूल हो गया है। जैसे ही दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2018 देश भर से विदा होगा, उत्तर-पूर्वी मॉनसून दस्तक दे देगा।
Image credit: My Happy Journey
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