बहुप्रतीक्षित दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2018 सोमवार को केरल पहुँच गया। स्काईमेट ने 28 मई 2018 को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के केरल में आगमन का अनुमान लगाया था जो सौ प्रतिशत सटीक रहा। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून के आगमन की घोषणा करने के लिए सभी निर्धारित मापदंड पूरे हो रहे हैं। यह तीनों मापदंड हैं वर्षा, हवा और आउटगोइंग लॉन्गवेब रेडिएशन (ओएलआर)।
बारिश: केरल के निर्धारित 14 स्थानों पर 10 मई के बाद 60% क्षेत्र में लगातार दो दिन 2.5 मिलीमीटर या उससे अधिक बारिश होती है तो दूसरे दिन मॉनसून के आने की घोषणा कर दी जाती है। बशर्ते अन्य दोनों मापदंड भी पूरे हो रहे हों। पिछले दो दिनों में इन सभी 14 स्थानों मिनिकॉय, अमिनी देवी, तिरुवनंतपुरम, कन्नूर, पुनालुर, कोल्लम, आलप्पुषा, कोट्टायम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड, थाईसैरी, कन्नूर, कुडुलु और मंगलुरु में 60% नहीं बल्कि 90% वर्षा रिकॉर्ड की गई है। पिछले 48 घंटों के दौरान इन सभी स्थानों पर रिकॉर्ड की गई बारिश नीचे दिये गए टेबल में देख सकते हैं।
विंड फील्ड: भूमध्य रेखा के पास पश्चिम से चलने वाली हवा की गहराई 600 hPaपर बनी रहनी चाहिए। निर्धारित स्थानों पर इस दौरान की 925 hPa परहवा रफ़्तार 28 से 37 किलोमीटर प्रतिघण्टे की होनी चाहिए। पिछले 2 दिनों के दौरान निर्धारित स्थानों पर हवा की रफ्तार लगातार 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही है।
ओएलआर: ओएलआर 200 wm-2 होना चाहिए। इस समय लैटीट्यूड 5°N से 10°N और लोंगीट्यूड 70°E से 75°E पर ओएलआर 160 wm के स्तर पर है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में 25 मई को मॉनसून पहुंचा और उसके बाद से यह लगातार अपेक्षित रफ्तार से आगे बढ़ा है। मॉनसून को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रायद्वीपीय भारत के दोनों तटों पर बने मौसमी सिस्टम सहायक रहे और मॉनसूनी हवाएं लगातार सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ जो अब और गहरा हो गया है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में भी एक सक्रिय निम्न दबाव बना है। इन दोनों मौसमी सिस्टमों के चलते मॉनसून पश्चिम और पूर्व दोनों तरफ से अपेक्षित गति से आगे बढ़ रहा है।
[yuzo_related]
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अरब सागर में बना गहरा निम्न दबाव आने वाले दिनों में मॉनसून को पश्चिमी तटों पर और आगे ले आएगा। जबकि बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के चलते मॉनसूनी हवाएं तेजी से आगे बढ़ेंगी और जून के पहले सप्ताह में पूर्वोत्तर राज्यों में भी कुछ स्थानों पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून का आगमन हो जाएगा और मानसूनी वर्षा शुरू हो जाएगी।
Image credit: NDTV
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।