दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अब अपने आखिरी चरण में पहुँच गया है। जल्द ही इसकी वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो सकती है। इससे पहले ही हवाओं के रुख में बदलाव आ गया है। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बीते कुछ दिनों से उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून की वापसी के लिए मौसम अनुकूल दिखाई दे रहा है।
आमतौर पर 1 सितंबर से उत्तर भारत से मॉनसून की विदाई की शुरुआत होती है। मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि अगले 24 से 48 घंटों में कभी भी इसकी वापसी शुरू हो सकती है। स्काइमेट के प्रमुख मौसम वैज्ञानिक महेश पालावत के अनुसार राजस्थान पर एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया है, जो मध्य और पूर्वी भारत से किसी भी सक्रिय सिस्टम को राजस्थान पर नहीं आने देगा।
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इसी वजह से सबसे पहले मॉनसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से ही शुरू होती है। एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं का प्रवाह बना रहेगा तेज़ धूप होगी और राजस्थान में बारिश के आसार कमतर होंगे। पश्चिमी राजस्थान से वापस होने के बाद 15 सितंबर तक पश्चिमी पंजाब, हरियाणा और गुजरात के कच्छ से भी मॉनसून वापस हो जाएगा। देश भर में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इस वर्ष पंजाब और हरियाणा से मॉनसून की वापसी समय पर होने की संभावना है। हालांकि गुजरात से इसकी वापसी में कुछ विलंब हो सकता है, क्योंकि गुजरात में 12 से 15 सितंबर के बीच बारिश होने के आसार बन रहे हैं। मॉनसून की वापसी के बीच दिल्ली और इससे सटे शहरों से भी बारिश कम हो जाएगी। हालांकि दिल्ली से जल्द मॉनसून की वापसी नहीं होगी लेकिन एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते वर्षा में कमी से मॉनसून का समापन समझा जा सकता है।
Image credit: Zeenews
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