उत्तर-पूर्वी मॉनसून अब अपने आखिरी चरण में पहुँचने वाला है। इस मिनी मॉनसून का समापन 31 दिसंबर, 2020 को हो जाएगा। उत्तर पूर्वी मॉनसून से सबसे अधिक वर्षा पाने वाले राज्य तमिलनाडु में अब तक सामान्य से 10% अधिक वर्षा हुई है। जबकि केरल में 26% की कमी बनी हुई है।
उत्तर भारत के राज्यों में भीषण सर्दी के कारण कई सब्जियों की फसलों और फलों को व्यापक नुकसान की आशंका है। न्यूनतम तापमान लंबे समय तक सामान्य से काफी नीचे रहा जिससे मौसम विपरीत बना रहा। लंबे समय तक जारी अपेक्षा से अधिक सर्दी के कारण फलों और सब्जियों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। यहां तक कि कुछ फसल या फल वाली सब्जियाँ पूरी तरह से नष्ट हो सकती हैं।
फसलों पर ठंड के नुकसान का आकलन करने के लिए मिट्टी के प्रकार, नमी और धूप की अवधि महत्वपूर्ण होती है। दूसरी तरफ धान और मक्का जैसी नकदी फसलों को ठंड से नुकसान का डर नहीं है। यहाँ तक कि कम तापमान से इन फसलों को फायदा हो सकता है। सब्जी और फ़लों की नाजुक फसलों को कड़ाके की सर्दी से नुकसान की आशंका है। ऐसी फसलों के फूल निकलने से पहले की अवस्था होने पर व्यापक नुकसान होता है जबकि फूल निकलने की अवस्था में ठंड पड़ने पर फसल के पूर्ण रूप से नष्ट होने का खतरा रहता है।
पिछले सप्ताह जैसी संभावना थी, कड़ाके की ठंड का प्रकोप देखने को मिला। पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश तक भीषण सर्दी देखने को मिली। अमृतसर, चुरू, सीकर समेत राजस्थान के उत्तरी भागों और पंजाब के कुछ शहरों में ग्राउंड फ़्रोस्ट यानि पाला भी पड़ा जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा। इसके अलावा समूचे उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों तथा गंगा के मैदानी भागों में लगातार एक सप्ताह तक शीतलहर का शिकंजा कसा रहा, जिसका खेती पर असर पड़ा है।
इस सप्ताह देश भर में मौसमी हलचल काफी कम रहने वाली है। उत्तर भारत के कुछ पर्वतीय क्षेत्रों तक सीमित रहेगी बारिश। दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत पर भी मौसम में हलचल कम रहने वाली है। हालांकि तमिलनाडु के कुछ भागों में अच्छी वर्षा भी हो सकती है।
उत्तर भारत
इस सप्ताह के दौरान मैदानी राज्यों में मौसम शुष्क और ठंडा बना रहेगा। उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पहुंचा है जिसका प्रभाव 21 दिसंबर तक रहेगा। उसके बाद 26 और 27 दिसंबर का आखिरी पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर दिखाई देगा। पहाड़ों पर 21 दिसम्बर को हल्की वर्षा हो सकती है। उसके बाद आगामी सिस्टम के चलते 26 और 27 दिसंबर को जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मौसम की गतिविधियां काफी व्यापक होंगी। इन पर्वतीय राज्यों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा और बर्फबारी देखने को मिल सकती है।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 26 और 27 दिसम्बर को आंशिक बादल छाए रहेंगे। साथ ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर वर्षा देखने को मिल सकती है। क्रिसमस के दिन लोकप्रिय पर्यटन स्थलों श्रीनगर, शिमला, नैनीताल, मसूरी, डलहौजी और मनाली बर्फबारी होने की उम्मीद नहीं है, बादल छाए रहने और हल्की वर्षा होने की संभावना रहेगी। साथ ही मौसम ठंडा बना रहेगा।
पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत
संपूर्ण पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में इस सप्ताह भी किसी महत्वपूर्ण मौसमी गतिविधि की आशंका नहीं है। हालांकि, गंगटोक, दार्जिलिंग, शिलोंग, तवांग और कोहिमा सहित लोकप्रिय पहाड़ी स्थलों पर सर्दी बढ़ने की संभावना हआई। सप्ताह के दौरान इन स्थानों पर बर्फबारी की उम्मीद नहीं है।
मध्य भारत
गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा समेत सम्पूर्ण मध्य भारत में मौसम मुख्यतः साफ और शांत रहने की संभावना है। इस सप्ताह भी विपरीत चक्रवाती सिस्टम मध्य भारत के ऊपर ही बना रहेगा जिसके चलते मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में सप्ताह के दौरान न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि होने की संभावना है।
प्रायद्वीपीय भारत
पोस्ट मॉनसून सीज़न में सबसे ज़्यादा बारिश दक्षिणी राज्यों में देखने को मिलती है क्योंकि यहाँ उत्तर-पूर्वी मॉनसून सक्रिय रहता है। हालांकि इस सप्ताह दक्षिण मिनी मॉनसून बहुत ज़्यादा प्रभावी नहीं रहेगा। हालांकि तमिलनाडु और केरल में 22 और 23 दिसंबर को हल्की बारिश होने की संभावना है और बाकी दिनों में पूरे क्षेत्र में ज्यादातर समय मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा।
दिल्ली एनसीआर
सप्ताह के दौरान दिल्ली-एनसीआर में बारिश होने की उम्मीद नहीं है। 22 और 23 दिसंबर को दिल्ली में कुहासा छाए रहने और एक-दो जगहों पर घना कोहरा छाने की संभावना है। सप्ताह के शुरुआती दिनों में न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है और इसके बाद 4-5 डिग्री सेल्सियस के आसपास गिरावट हो सकती है। 21 और 27 दिसंबर को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
चेन्नई
पिछले सप्ताह के विपरीत इस सप्ताह बारिश बहुत कम होगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 30 डिग्री और 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
दिल्ली प्रदूषण
पिछले सप्ताह के शुरुआती 3-4 दिनों के दौरान दिल्ली और एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण 'मध्यम' से 'संतोषजनक' श्रेणी में रहा। उत्तर-पश्चिमी दिशा से मध्यम गति की शुष्क और ठंडी हवाओं के चलते प्रदूषक नहीं बढ़ा। हालांकि सप्ताह के आखिरी दिनों में हवा की रफ्तार कुछ कम होने लगी थी जिससे शुक्रवार और शनिवार को प्रदूषण के स्तर में मामूली वृद्धि हुई थी। हालांकि उस दौरान भी मध्यम श्रेणी में रहा। केवल एक या दो स्थान वायु गुणवत्ता खराब हुई थी। रविवार को कुछ इलाकों में प्रदूषण काफी बढ़ गया था।
इस बीच इस समय एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी उत्तर भारत के पहाड़ों पर है जिससे हवा की गति कम हो गई है और हवाओं की दिशा उत्तर-पश्चिमी से बदलकर दक्षिण-पूर्वी हो गई है जिससे दिल्ली प्रदूषण और अधिक बढ़ेगा। कुछ क्षेत्रों में बेहद गंभीर स्तर पर भी पहुँच सकता है। पूरे सप्ताह हवा की गुणवत्ता के स्वास्थ्य के लिए खराब रहने की उम्मीद है।
Image credit: Himachal Watch
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