उत्तर भारत के पर्वतीय भागों के करीब पहुंचे पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान और उससे सटे हरियाणा के पास हवा के निचले स्तर में एक चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है। इस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में हवा के रूख में बदलाव आया है। इन भागों में इस समय दक्षिण-पूर्वी या दक्षिणी हवाएँ चल रही हैं। हवाओं की गति काफी धीमी है।
उत्तर भारत के मैदानी भागों में हवाओं में आए इस बदलाव के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों से दक्षिण-पूर्वी हवाएँ अपने साथ धुआँ और प्रदूषण भी दिल्ली तथा आसपास के शहरों तक पहुँचा रही हैं। आमतौर पर दक्षिण-पूर्वी या दक्षिणी हवाओं में नमीं का स्तर अपेक्षाकृत अधिक होता जिससे प्रदूषण हवा के निचले स्तर पर ही बना रह जाता है। इसी का परिणाम है कि दिल्ली वालों को आज सुबह के हल्के से मध्यम कोहरे के बाद से ही घनी धुंध दिखाई दे रही है।
औद्योगिक क्षेत्रों से हवाओं के साथ आ रहे धुएँ और प्रदूषण के साथ ही दिल्ली का स्थानीय प्रदूषण भी हवा में नमीं अधिक होने चलते नीचे ही बना हुआ है। स्काइमेट का अनुमान है कि यह स्थितियाँ मंगलवार को दिन भर बनी रहेंगी। राजधानी और आसपास के भागों में हवा में धुंध और प्रदूषण का यही स्तर बुधवार तक जारी रहने की संभावना है। इस दौरान साँस संबंधी बीमारी का सामना कर रहे लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए ताकि प्रदूषण के चलते उन्हें किसी विशेष समस्या का सामना ना करना पड़े।
स्काइमेट का अनुमान है कि अगले 48 घंटों के बाद राजधानी दिल्ली और आसपास के भागों में हवाओं के रुख में फिर से बदलाव देखने को मिल सकता है। यदि हवा का रूख दक्षिण-पूर्वी या दक्षिणी से बदलकर उत्तर-पश्चिम या पश्चिमी हुआ तो प्रदूषण में कमी आएगी और वातावरण एक बार फिर से स्वच्छ दिखाई देगा।
Image credit: allposters.com