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[Hindi] मॉनसून 2018: स्काइमेट का क्षेत्रवार मॉनसून वर्षा का पूर्वानुमान

May 22, 2018 11:00 AM |

स्काईमेट वेदर ने अपना मॉनसून पूर्वानुमान 4 अप्रैल 2018 को जारी किया जिसमें मॉनसून के सामान्य रहने और सौ प्रतिशत बारिश होने की संभावना जताई है। जून से सितंबर की अवधि में 887 मिलीमीटर में 5% कम या अधिक वर्षा हो सकती है।

मॉनसून पूर्वानुमान के क्रम में इस रिपोर्ट में शुरुआत पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों से। 4 महीनों के मॉनसून सीजन की बारिश में सबसे अधिक योगदान पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में होने वाली बारिश का होता है। मॉनसून सीजन में देश में कुल वर्षा का 38 प्रतिशत पानी पूर्वी-पूर्वोत्तर राज्यों में बरसता है। और यहाँ 1438 मिलीमीटर वर्षा होती है।

लेकिन इस बार स्काईमेट का अनुमान है कि पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून का प्रदर्शन कमजोर हो सकता है। विशेषकर पूर्वोत्तर राज्य में 95 फ़ीसदी बारिश की संभावना है। पूर्वी भारत में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा से अच्छी वर्षा हो सकती है।

इसी तरह दक्षिणी राज्यों में भी कम वर्षा की आशंका जताई जा रही है। दक्षिणी राज्यों में 97 फ़ीसदी वर्षा का अनुमान है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार रायलसीमा, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में मॉनसूनी वर्षा में कमी रह सकती है। दक्षिण भारत में देश की कुल मॉनसून वर्षा की 19% यानी 716 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है।

इसके बाद हम बात करेंगे उत्तर-पश्चिम भारत की, जहां मॉनसून सीजन में सबसे कम बारिश होती है। क्योंकि यहां मॉनसून देर से पहुंचता है और जल्दी विदा हो जाता है।

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उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में कुल मॉनसून वर्षा की 17% यानी 615 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की जाती है। वर्ष 2018 में इन भागों में मॉनसून सामान्य रहेगा और 99% वर्षा होने की संभावना है। साथ ही हमारा अनुमान है कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मॉनसून का प्रदर्शन पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और आसपास के शहरों के मुकाबले बेहतर होगा।

मध्य भारत में देश की कुल मॉनसून वर्षा की 26% बारिश होती है यहां जून से सितंबर के चार महीनों के दौरान 976 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की जाती है। स्काईमेट का अनुमान है कि वर्ष 2018 के मॉनसून में मध्य भारत में 108% की व्यापक मॉनसून बारिश इस बार हो सकती है। विशेषकर उत्तरी महाराष्ट्र, कोकण, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में मॉनसून का सबसे अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।

क्षेत्रवार वर्षा के इस अनुमान में 8% की कमी या अधिकता का मार्जिन भी स्काइमेट ने बताया है।

स्काइमेट के अनुसार भारत में मॉनसून 2018 में जून-जुलाई-अगस्त-सितंबर में बारिश की संभाव्यता इस प्रकार है:

  • 5% संभावना अत्यधिक बारिश की है (मॉनसून सीज़न में LPA के मुक़ाबले 110% से अधिक वर्षा)
  • 20% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है (मॉनसून सीज़न में LPA के मुक़ाबले 105-110% वर्षा)
  • 55% संभावना सामान्य बारिश की है (मॉनसून सीज़न में LPA के मुक़ाबले 96-104% वर्षा)
  • 20% संभावना सामान्य से कम बारिश की है (मॉनसून सीज़न में LPA के मुक़ाबले 90-95% वर्षा)
  • 0% संभावना सूखे की है (मॉनसून सीज़न में LPA के मुक़ाबले 90% से कम वर्षा)

 
Rain Probability in JJAS in 2018

मॉनसून 2018 में देश के चारों प्रमुख क्षेत्रों में मॉनसून वर्षा की संभावना इस प्रकार है:

पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत – LPA की 95% वर्षा का अनुमान। (जून-सितंबर में LPA है 1438 मिलीमीटर)

  • 5% संभावना अत्यधिक बारिश की है
  • 10% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है
  • 50% संभावना सामान्य बारिश की है
  • 30% संभावना सामान्य से कम बारिश की है
  • 5% संभावना सूखे की है

 
E&NE

उत्तर भारत – LPA की 99% वर्षा का अनुमान। (जून-सितंबर में LPA है 615 मिलीमीटर)

  • 5% संभावना अत्यधिक बारिश की है
  • 20% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है
  • 60% संभावना सामान्य बारिश की है
  • 10% संभावना सामान्य से कम बारिश की है
  • 5% संभावना सूखे की है

 NW

मध्य भारत – LPA की 108% वर्षा का अनुमान। (जून-सितंबर में LPA है 976 मिलीमीटर)

  • 15% संभावना अत्यधिक बारिश की है
  • 15% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है
  • 55% संभावना सामान्य बारिश की है
  • 10% संभावना सामान्य से कम बारिश की है
  • 5% संभावना सूखे की है

 
CENTRAL

दक्षिण भारत – LPA की 97% वर्षा का अनुमान। (जून-सितंबर में LPA है 716 मिलीमीटर)

  • 5% संभावना अत्यधिक बारिश की है
  • 5% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है
  • 65% संभावना सामान्य बारिश की है
  • 20% संभावना सामान्य से कम बारिश की है
  • 5% संभावना सूखे की है

 
SOUTH

इस पूर्वानुमान के आधार पर उम्मीद कर सकते हैं कि बीते 5 वर्षों में 2018 का मॉनसून सबसे अच्छा हो सकता है। यह खबर सिर्फ कृषि के लिए बल्कि आम आदमी और कृषि क्षेत्र से जुड़े तमाम क्षेत्रों के लिए सकारात्मक और सुखद है। इसीलिए हमारी आशा है कि हमारा अनुमान सच हो और 5 वर्षों के बाद सबसे अच्छी बारिश देश को मिले।

Feature Image credit: India.com

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 






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