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[Hindi] मॉनसून 2021 के लिए स्काइमेट वेदर ने जारी की संभाव्यता रिपोर्ट, शुरुआती संकेत मॉनसून के सामान्य रहने के

January 31, 2021 10:42 AM |

प्रशांत महासागर में इस समय समुद्र की सतह का तापमान व्यापक रूप में नीचे है और ला नीना की स्थिति अपने चरम पर पहुँच गई है। समुद्र की सतह के तापमान में जल्द गिरावट होने की संभावना है परिणामस्वरूप जारी ला नीना की स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा। मॉनसून के दस्तक देने के समय यह 50% तक कम हो सकता है। वैश्विक मौसमी स्थितियों के अब तक के आंकलन संकेत करते हैं कि 2021 भी सामान्य मॉनसून बारिश वाला वर्ष होगा। मॉनसून का आगाज काफी अच्छा होने की संभावना है और यह दीर्घावधि औसत वर्षा 880.6 मिमी की तुलना में सामान्य बारिश की रेंज 96% से 104% के उच्चतम स्तर की तरफ होगा। हालांकि शुरुआती रुझान कुछ क्षेत्रों में कम बारिश के भी मिल रहे हैं।

भारत के लिए मॉनसून सीजन पूरे साल का सबसे महत्वपूर्ण सीजन होता है। चार महीने लंबे इस मौसमी सीजन के संभावित प्रदर्शन के बारे में अनुमान लगाने के लिए कई वैश्विक मौसमी मापदंड हैं जिनके आधार पर हम आंकलन आरंभ कर सकते हैं। पिछले साल मॉनसून की लगाम ला नीना के हाथों में थी जो इस समय अपने चरम पर पहुँच गया है। बसंत ऋतु से यह कमजोर होने लगेगा और मॉनसून सीजन में इसके तटस्थ रहने की संभावना है। इसका अर्थ यह भी हुआ कि कमजोर होते ला नीना के साथ मॉनसून 2021 की शुरुआत होने वाली है। प्रशांत महासागर में तापमान के इन रुझानों से हम यह अनुमान लगा रहे हैं कि यह मॉनसून ज़बरदस्त यानि सामान्य से अधिक बारिश वाला मॉनसून तो नहीं होगा लेकिन इसके खराब होने की भी आशंका फिलहाल नहीं है।

हालांकि अल नीनो सदर्न ओषिलेशन (ईएनएसओ) उभार पर है, इसकी वास्तविक स्थिति क्या होगी इसके बारे में फरवरी और मार्च के लिए मॉडल पूर्वानुमानों का विश्लेषण किए जाने पर ही पता चलेगा। मॉनसून पर प्रभाव डालने वाली सभी सामुद्रिक और वायुमंडलीय स्थितियों का हम विश्लेषण करते हैं और अप्रैल में जारी होने वाले स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान में इनके बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी। आईओडी आमतौर पर अप्रैल तक सक्रिय नहीं होता है लेकिन शुरुआती संकेतों के अनुसार जब मॉनसून शुरू होगा उस दौरान यह तटस्थ स्थिति में रहेगा।

स्काइमेट वर्ष 2012 से मॉनसून का पूर्वानुमान जारी करता रहा है और यह मॉनसून 2021 का पूर्वानुमान जारी करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। हालांकि मॉनसून पूर्वानुमान जारी करने के लगभग एक दशक के अपने सफर में स्काइमेट ने कुछ विशिष्ट कारणों से वर्ष 2020 में मॉनसून पूर्वानुमान जारी नहीं किया था। लेकिन इस बार भी स्काइमेट मॉनसून पर प्रभाव डालने वाले कारकों और उनसे जुड़े आंकड़ों का संकलन तथा गहराई से विश्लेषण कर रहा है और मॉनसून पूर्वानुमान भी जारी करेगा। इस समय मॉनसून के बारे में सभी विवरण साझा करना जल्दबाज़ी होगा लेकिन प्राथमिक संभाव्यता के संबंध में बात करने के लिए पर्याप्त विवरण हैं, जिनके आधार पर यह रिपोर्ट जारी की गई है।

स्काईमेट, मौसम पूर्वानुमान और कृषि जोखिम निगरानी के क्षेत्र में अग्रणी भारतीय कंपनी है। स्काइमेट कृषि क्षेत्र में आंकलन, पूर्वानुमान और जलवायु से उत्पन्न जोखिम को कम करने में विशेष रूप से दक्ष है। स्काईमेट बीते 18 वर्षों से मीडिया, बीमा और कृषि क्षेत्र को मौसम पूर्वानुमान विश्लेषण और इसके आंकड़े उपलब्ध करा रहा है।

महाराष्ट्र सरकार, गुजरात सरकार, एनएसडीएमए, एसबीआई, यूएसएआईडी, रिलायंस इन्फ्रा, विश्व बैंक, एचडीएफ़सी एर्गों, आईएफ़सी, भारतीय कृषि बीमा निगम (एआईसीआईएल), आईसीआईसीआई लॉमबार्ड, द हिंदुस्तान टाइम्स, द हिन्दू और द टेलीग्राफ स्काइमेट के प्रमुख क्लाइंट में से एक हैं। एग्री-टेक क्षेत्र के साथ काम करने वाली कंपनी ओमनीवोर, इंश्यू-रेसिलिएन्स इनवेस्टमेंट फंड और डीएमजी::इन्फोर्मेशन स्काइमेट की साझेदार हैं।

Image Credit: NDTV

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