[Hindi] स्काइमेट ने संशोधित किया मॉनसून पूर्वानुमान; 92% वर्षा की संभावना

August 2, 2018 11:15 AM | Skymet Weather Team

स्काईमेट सहित अनेक मौसम एजेंसियों ने वर्ष 2018 में सामान्य मॉनसून वर्षा का अनुमान अनुमान लगाया था। आमतौर पर जून में मॉनसून का आगमन होता है। इस बार समय से कुछ पहले यानी 28 मई को केरल में मॉनसून ने दस्तक दी और जून में औसत की कुल 95% वर्षा रिकॉर्ड की गई। मॉनसून वर्षा के संदर्भ में जुलाई की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और जुलाई महीना 9% कम बारिश के साथ विदा हुआ। हालांकि जुलाई के दूसरे पखवाड़े में देशभर के ज्यादातर भागों में बारिश हुई। खासकर उत्तर और पूर्वी राज्यों में भी मॉनसून वर्षा ने जोर पकड़ा।

देश भर में सबसे अधिक वर्षा वाले इलाकों यानी पश्चिमी तटीय भागों और पूर्वोत्तर राज्यों में जुलाई के दूसरे पखवाड़े में वर्षा में काफी कमी आई। जिसके चलते देशभर में जून और जुलाई में जितनी बारिश रिकॉर्ड की गई वह सामान्य से 6% कम है। जुलाई में कुल मिलाकर दीर्घावधि औषध के मुकाबले 94% बारिश रिकॉर्ड की गई जबकि स्काइमेट ने जुलाई 97 प्रतिशत बारिश का अनुमान लगाया था।

देश की प्रमुख मौसम पूर्वानुमान कंपनी स्काइमेट ने अगस्त के लिए 96 प्रतिशत और सितंबर के लिए 101% बारिश की संभावना जताई थी। लेकिन इसमें कमी के संकेत हैं क्योंकि प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है और अल नीनो के उभरने के संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा इंडियन ओशन डायपोल (आईओडी) भी अब तक सक्रिय नहीं हुआ है और मॉनसून 2018 को इसने प्रभावित नहीं किया है।

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मैडन जूलियन ओशलेशन (एमजेओ) भी मॉनसून के आगमन के समय सक्रिय भले हुआ था लेकिन उसके कुछ ही समय बाद निष्प्रभावी हो गया। इसके जल्द सक्रिय होने की संभावना नहीं है, कम से कम मध्य सितंबर या उसके बाद तक यह निष्प्रभावी बना रह सकता है। इन सभी मौसमी परिदृश्यों के आकलन के बाद स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगस्त में लंबे समय के लिए देश के ज्यादातर भागों में मॉनसून कमजोर हो जाएगा। इस दौरान मॉनसून में ब्रेक जैसी स्थिति की भी संभावना है।

अगस्त और सितंबर में सामान्य से कम बारिश

स्काईमेट का अनुमान है कि अगस्त में बारिश घटकर सामान्य से 12% कम यानि 88 प्रतिशत हो सकती है। इसी तरह सितंबर में भी मॉनसून के प्रदर्शन में बेहतरी की उम्मीद नहीं है और औसत के मुकाबले 93 प्रतिशत बारिश की संभावना है। स्काइमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह के मुताबिक मॉनसून को प्रभावित करने वाली सामुद्रिक परिस्थितियां मॉनसून को सक्रिय करने में अनुकूल भूमिका निभाने की स्थिति में नहीं हैं। जिसके चलते मॉनसून का दूसरा चरण कमजोर रहेगा।

पूरे मॉनसून सीज़न में पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी तटीय इलाकों में सबसे ज़्यादा बारिश होती है। लेकिन इन भागों में भी बारिश सामान्य से काफी कम होने की संभावना है। इन सभी स्थितियों को देखते हुए स्काईमेट ने अपना मॉनसून पूर्वानुमान संशोधित किया है। स्काइमेट के मुताबिक मॉनसून 2018 में बारिश घटकर 92% के आसपास रिकॉर्ड की जाएगी। अगस्त और सितंबर में इस प्रकार बारिश होने की संभावना है।

अगस्तदीर्घावधि औसत LPA के मुक़ाबले 88% वर्षा का अनुमान (औसतन 261 मिमी वर्षा होती है)

  • 70% संभावना सामान्य से बेहद कम बारिश की
  • 20% संभावना सामान्य से कम बारिश की
  • 10% संभावना सामान्य बारिश की

सितंबरदीर्घावधि औसत LPA के मुक़ाबले 93% वर्षा का अनुमान (औसतन 261 मिमी वर्षा होती है)

  • 60% संभावना सामान्य से कम बारिश की
  • 20% संभावना सामान्य बारिश की
  • 20% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की

स्काइमेट वेदर के अनुसार जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर (JJAS) के चार महीनों के मॉनसून सीज़न में वर्षा की संभावना और सूखे की आशंका की संभाव्यता इस प्रकार है:

  • 25% संभावना सूखे की है (मॉनसून सीजन में 90% से कम बारिश पर सूखा घोषित किया जाता है)
  • 60% संभावना सामान्य से कम बारिश की है (90% से 95% वर्षा को सामान्य से कम वर्षा माना जाता है)
  • 15% संभावना सामान्य बारिश की है (96% से 104% वर्षा को सामान्य वर्षा माना जाता है)
  • 0% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है (105% से 110% वर्षा को सामान्य माना जाता है)
  • 0% संभावना अत्यधिक बारिश की है (110% से ज़्यादा वर्षा को सामान्य काफी अधिक बारिश माना जाता है)

Image credit: LiveMint

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