उत्तर भारत में एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंच रहे हैं। मार्च में आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर से काफी दूर से ही पूर्वी दिशा में जाने लगते हैं, जिसकी वजह से पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी कम हो जाती है। लेकिन इस बार स्थितियां विपरीत हैं। इसके लिए मौसम विशेषज्ञ उत्तरी ध्रुव यानी अंटार्कटिक से यूरोप होकर आने वाली ठंडी हवाओं को जिम्मेदार माना जा रहा है।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुंचा है। लेकिन इस बार बारिश कश्मीर की तरफ से नहीं उत्तराखंड की ओर से शुरू हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर वर्षा हुई है। आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान देखें तो बारिश हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू कश्मीर में भी आज रात से शुरू हो जाएगी। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में 13 मार्च तक बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां जारी रहेंगी।
English version: Prolonged spell of rain and snow forecast for Jammu Kashmir, Himachal Pradesh and Uttarakhand
इस दौरान कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी जिले यानी तराई क्षेत्रों से जुड़े इलाकों में ज्यादा प्रभाव दिखेगा। जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी, उधमपुर, डोडा, हिमाचल में कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर और उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, उधमसिंह नगर जैसे जिलों में अधिक गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
कटरा सहित वैष्णो देवी में भी इस बार बारिश होने की संभावना है। 12 से 14 मार्च के बीच वैष्णो देवी धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को बारिश परेशान कर सकती है। बारिश के कारण भवन पर तापमान में भारी गिरावट आएगी जिससे सर्दी जबरदस्त होगी। इसलिए पहले से श्रद्धालुओं को बचाव का इंतजाम करना होगा।
14 मार्च से वर्षा में कमी आ जाएगी लेकिन कुछ स्थानों पर 14 मार्च को भी हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। 15 मार्च से मौसम में व्यापक सुधार होगा और 16 मार्च से पहाड़ों पर पूरी तरह आसमान साफ और मौसम हो जाएगा।
अगले 3-4 दिनों के दौरान बादल छाए रहने और रुक-रुक कर बारिश व हिमपात होने की संभावना के बीच अनुमान है कि पर्वतीय राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तथा केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर व लद्दाख में 15 मार्च तक दिन का तापमान सामान्य से काफी नीचे रिकॉर्ड किया जाएगा। 16 मार्च से इसमें वृद्धि देखने को मिलेगी।
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