हाल ही में आए सुपर साइक्लोन ‘अंपन’ पश्चिम बंगाल में तबाही की दर्द भरी दास्तां अपने पीछे छोड़ गया। सिटी ऑफ जॉय कोलकाता भी इस दुःस्वप्न का साक्षी साक्षी बना। यह त्रासदी कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के लिए कल्पना से परे रही। पश्चिम बंगाल कोविड-19 की महामारी और चक्रवात ‘अंपन’ की दोहरी मार से लड़ रहा है और दोनों मोर्चे ऐसे कि एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
लॉकडाउन 4.0 लागू है। अब देश को को 31 मई 2020 तक लॉक डाउन का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यह लॉकडाउन पिछले 3 लॉकडाउन की तुलना में काफी लचीला है जहां ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो रही हैं, और चुनिंदा मार्गों पर कैलिब्रेटेड तरीके से हवाई संचालन भी शुरू हो गया है। मध्य जून तक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने की भी संभावना है। निजी क्षेत्र में भी 31 मई के बाद काम काज शुरू होने की उम्मीद है।
देश के व्यापारिक जगत का मत है कि हाल ही में सरकार द्वारा दिया गया राहत पैकेज कोरोना महामारी से उपजे संकट से निपटने में नाकाफी है। हालांकि इस पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी राहत और कृषि से जुड़ी नीतियों में सुधार की घोषणा की गई जिसका लंबे समय से इंतज़ार था। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन भी किया गया। इससे कृषि उत्पादों की खरीद और बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन इस संशोधन को संसद की मंजूरी के बाद ही लागू किया जा सकता है।
गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों की बुआई बड़े पैमाने पर हुई है। इस बार अब तक 67.25 लाख हेक्टेयर में ग्रीष्म फसलों की बुआई हुई है, जो पिछले साल की तुलना में 34.77% अधिक है। इसी तरह जलाशयों में भी पर्याप्त पानी है। बीते साल के मुक़ाबले इस साल जलाशयों में 50% अधिक पानी है। इससे अच्छी फसल की उम्मीद की जा सकती है। इस बीच प्रवासी श्रमिकों के पलायन के कारण कामगारों की कमी की किसान की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, पंजाब सरकार ने धान की नर्सरी की बुआई और रोपाई की तारीखों में 10 दिनों की ढील दे दी है। यानि धान की खेती 10 दिन पहले शुरू की जा सकती है। कृषि-विभागों को "डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (डीआरएस)" यानि धान की सीधी बुआई और मैकेनाइज्ड यानि मशीन से रोपाई की उन्नत विधि से जुड़ी तकनीकी सहायता देने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। बुआई के समय कृषि क्षेत्र को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को निर्देश जारी किए गए हैं।
इस सप्ताह दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का भी इंतज़ार बेसब्री से होगा। अनुमान है कि केरल में 28 मई के आसपास मॉनसून का आगमन हो सकता है। मॉनसून के समय से पूर्व आगमन के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनती हुई दिखाई दे रही हैं।
उत्तर भारत
उत्तर भारत में इस सप्ताह के शुरुआती 4 दिन लोगों को भीषण गर्मी से संघर्ष करना होगा। कई इलाके लू की चपेट में रहेंगे। सप्ताह के आखिरी दो दिन बारिश की संभावना है, जो प्रचंड गर्मी से राहत दिलाएगी। 25 से 28 मई के बीच पंजाब से लेकर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भीषण लू चलेगी। 29 से 31 मई के बीच समूचे उत्तर भारत में बारिश होगी। इस दौरान कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। बारिश के साथ तूफानी रफ्तार से हवाएँ चलने की भी आशंका है।
पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत
पूर्वी भारत में भी गर्मी बढ़ गई है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में शुरुआती 3 दिन तेज़ गर्मी और लू चलने की संभावना है। हालांकि इस दौरान तराई क्षेत्रों पर बनी ट्रफ के चलते बिहार और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के तराई क्षेत्रों में गर्जना के साथ हल्की वर्षा के आसार हैं। सप्ताह के मध्य से पूर्वी भागों में बारिश बढ़ जाएगी। दूसरी ओर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए यह सप्ताह भी जमकर बारिश देगा। असम, मेघालय और नागालैंड में 26 से 28 मई के बीच जबर्दस्त बारिश की संभावना है। बारिश के साथ भीषण हवाएँ चलने, बादलों की गर्जना होने और बिजली चमकने की घटनाएँ हो सकती हैं। यह संभवतः आखिरी प्री-मॉनसून वर्षा होगी क्योंकि मई के आखिर में मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना है।
मध्य भारत
समूचे मध्य भारत में 25 से 28 मई के बीच आसमान पूरी तरह से साफ रहेगा और गर्मी अपने चरम पर रहेगी। गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में तापमान कई जगहों पर 45 डिग्री या उससे भी अधिक रहेगा जिससे कई इलाके लू की गिरफ्त में रहेंगे। सप्ताह के आखिरी दो दिनों में छत्तीसगढ़, ओड़ीशा और महाराष्ट्र में राहत की बारिश हो सकती है। इस पूरे सप्ताह गुजरात में बारिश न के बराबर होगी।
दक्षिण भारत
इस सप्ताह दक्षिणी भारत में केरल और कर्नाटक के साथ-साथ कुछ अन्य राज्यों में भी बारिश बढ़ेगी क्योंकि मॉनसून करंट तेज़ होने वाली है। सप्ताह के शुरुआती दिनों में दक्षिणी राज्यों में बारिश सामान्य रहेगी उसके बाद बारिश में वृद्धि होने की संभावना है। अनुमान है कि सप्ताह के मध्य से तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है। इस सप्ताह समूचे दक्षिण भारत को लू के संकट से मुक्ति मिल सकती है।
दिल्ली-एनसीआर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में गर्मी सप्ताह के शुरुआती समय में चरम पर रहेगी। अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान 45 डिग्री के आसपास रहेगा। लेकिन इस गर्मी की आफत के बाद 29 मई से राहत भी मिलेगी जब बारिश होगी। अनुमान है कि 29 से 31 मई के बीच दिल्ली-एनसीआर में काफी अच्छी वर्षा होगी जिससे लोगों गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी।
चेन्नई
चेन्नई में पिछले सप्ताह की तरह ही इस सप्ताह भी 40 डिग्री तापमान के साथ गर्मी जारी रहेगी। शाम या रात को आंशिक बादल छा सकते हैं लेकिन इससे उमस और बढ़ जाएगी।
Image credit: ABC7 Chicago
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