उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में मई महीने में अब तक प्रचंड गर्मी से लोगों को राहत मिलती रही है। ऐसा इसलिए था क्योंकि पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक बारिश सहित अन्य प्री-मॉनसून गतिविधियां हो रही थीं। पंजाब में इस दौरान अच्छी बारिश भी देखने को मिली। जबकि हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बादलों की गरज और आँधी जैसी मौसमी हलचल अक्सर बनी रही और कुछ अंतराल पर वर्षा भी दर्ज की गई।
शिमला सहित हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में मई में बर्फबारी भी हुई जिसका असर मैदानी राज्यों पर पड़ा और पारा नियंत्रण में रहा। इसके अलावा इस महीने के शुरुआत से लेकर 20 मई तक मैदानी राज्यों पर दक्षिण-पूर्वी या दक्षिण-पश्चिमी आर्द्र हवाएँ चलती रहीं जिससे वातावरण में नमी बनी और तापमान तेज़ी से ऊपर नहीं जा सका।
इस सप्ताह गर्मी से होगा हाहाकार
इस बीच मौसमी परिदृश्य बदल गया है और आने वाले दिनों में मैदानी इलाकों में प्रचंड गर्मी पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ एवीएम जीपी शर्मा के अनुसार अब उत्तर भारत के मैदानी भागों में हवा बदल गई है और अगले 4-5 दिनों तक उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चलेंगी। इस बदलाव से आसमान पूरी तरह से साथ होगा जिससे तेज़ धूप खिलेगी और तापमान में लगातार वृद्धि देखने को मिलेगी।
अगले कुछ दिन अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, फलवल, आगरा, मथुरा, जयपुर, गंगानगर, मेरठ, गाज़ियाबाद, दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिम भारत में तेज़ धूप और शुष्क मौसम के साथ प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ेगा। मैदानी राज्यों में इस सप्ताह पारा 45 डिग्री तक पहुँच सकता है। उत्तरी राजस्थान और हरियाणा में लू चलने की भी आशंका है।
[yuzo_related]
मैदानी राज्यों में अगले कुछ दिनों के दौरान दिन में उत्तर-पश्चिमी हवाएँ तेज़ गति से चलेंगी जिससे पारा 45 डिग्री से ऊपर नहीं जाएगा। श्री शर्मा के अनुसार हवा की रफ्तार 20 किमी प्रति घण्टे तक जा सकती है जो बढ़ते तापमान को रोकेगी। अगर हवा की रफ्तार कम रहती तो अगले 4-5 दिनों में पारा 47-48 डिग्री तक भी जा सकता था। लेकिन राहत की बात है कि तेज़ हवाएँ चलने से ऐसा नहीं होगा। एक और राहत की खबर यह है कि अगले सप्ताह से फिर से मौसम के मिजाज़ में बदलाव के आसार दिखाई दे रहे हैं। अनुमान है कि 28 मई से बारिश मैदानी राज्यों में प्री-मॉनसून वर्षा हो सकती है।
Image credit: Jagran.com
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।