पोस्ट मॉनसून सीज़न के दूसरे महीने का पहला पखवाड़ा बीत चुका है और देश भारत में इस अवधि में दर्ज की गई बारिश औसत से 8% कम है। यह समय पोस्ट मॉनसून के साथ-साथ साइक्लोन सीजन के नाम से भी जाना जाता है। अब तक भारत के दोनों समुद्री किनारों पर चक्रवात नहीं विकसित हुए हैं और इस सप्ताह किसी तूफान के उठने की संभावना ना के बराबर है।
इस बीच दिल्ली प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और राज्य सरकारों के अलावा सर्वोच्च अदालत ने भी सख्ती दिखाई है पर प्रदूषण के हालात में बहुत ज़्यादा सुधार नहीं हुआ है। कोरोना काल में बढ़ता प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ असपास के कई शहरों के लिए दोहरी मार की तरह है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य सरकारों और केंद्रीय प्रशासन द्वारा घोषित किए गए कई उपायों और प्रतिबंधों के बावजूद स्टबल बर्निंग यानि फसलों कवशेष जलाने की समस्या विकराल होती गई है, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है।
उत्तर-पूर्वी मॉनसून पर अभी भी ‘ला नीना’ का साया बना हुआ है। इस मॉनसून में सबसे ज़्यादा बारिश प्राप्त करने वाला राज्य तमिलनाडु अब तक घाटे में है। इस सप्ताह काफी ठीक-ठाक बारिश होने की संभावना है।
उत्तर भारत
उत्तर भारत के मैदानों और पहाड़ी इलाकों में इस साल की सर्दियों की पहली बारिश दर्ज की गई। जम्मू, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के मध्य और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मध्यम से भारी हिमपात हुआ। मैदानी इलाकों में भी पंजाब से लेकर हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में बारिश दर्ज की गई है। इन भागों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और ओलावृष्टि भी हुई। वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ 16-17 तारीख तक बना रहेगा जिससे मैदानी इलाकों में हल्की वर्षा की संभावना 17 नवंबर तक बनी रहेगी उसके बाद मौसम साफ हो जाएगा। 19 नवंबर तक पहाड़ों पर हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में 17 नवंबर से भारी गिरावट की संभावना है। इसके बाद 20 नवंबर तक पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया जा सकता है। सर्दियों में पड़ने वाले कोहरे का पहला दौर भी पंजाब और हरियाणा में देखा जाएगा। इसी दौरान उत्तर के पहाड़ों से सर्द हवाएँ भी मैदानी इलाकों तक आएंगी जिससे सर्दी बढ़ जाएगी। उसके बाद नया पश्चिमी विक्षोभ 21 और 22 नवंबर को फिर से समूचे पहाड़ी क्षेत्रों और पंजाब और हरियाणा के तराई वाले भागों को प्रभावित करेगा।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत
समूचे पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में इस सप्ताह कम से कम मौसमी हलचल की संभावना है। हालांकि 17 से 19 नवंबर के बीच झारखंड, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और असम में हल्की बारिश होने की संभावना है। सप्ताह के उत्तरार्ध में बिहार और झारखंड में रात के तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी।
मध्य भाग
सप्ताह के पहले भाग के दौरान मध्य महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र के दक्षिणी हिस्सों में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। 18 से 20 नवंबर के बीच ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा में भी कहीं-कहीं पर हल्की वर्षा के आसार हैं। गुजरात राज्य पूरे सप्ताह मौसम की किसी भी तरह की विपरीत गतिविधि से मुक्त रहेगा। हालांकि, सप्ताह के पहले भाग के दौरान राज्य के अधिकांश हिस्सों में रात के तापमान में गिरावट होगी जबकि आखिरी दिनों में बढ़ेगा तापमान।
दक्षिण भारत
उत्तरी-पूर्वी मॉनसून सप्ताह के शुरुआती दिनों में पूर्वी तटों पर सक्रिय रहेगा। तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में 16 से 18 नवंबर के बीच भारी बारिश की संभावना है। तमिलनाडु और केरल में भी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी जिससे बारिश के औसत आंकड़ों में आई कमी में इस सप्ताह मामूली सुधार होने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार, 16 नवंबर की सुबह हल्की बारिश की संभावना है। सुबह के समय हल्का कोहरा रहेगा जबकि दिन में आमतौर पर आसमान साफ रहेगा। सीजन में पहली बार न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे यानि एक अंक में पहुँच सकता है। हल्की-हल्की ठंडी हवाएँ मौसम को ठंडा बनाएँगी।
चेन्नई
16 से 18 नवंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश होने के आसार हैं। इसके बाद गतिविधियां कम हो जाएंगी और हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी। मौसम की अधिकांश गतिविधि शाम और रात के दौरान होगी। अधिकतम तापमान 28-30 डिग्री के बीच जबकि न्यूनतम तापमान 20 से 22 डिग्री के बीच रहेगा।
दिल्ली प्रदूषण
दिल्ली प्रदूषण दिवाली के बाद बढ़ते हुए एक बार फिर से 'गंभीर' श्रेणी में पहुँच गया था। दिवाली के अगले दिन यानि 15 नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 550 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया। हालांकि दोपहर बाद मौसम का रुख बदला और तेज़ हवाओं तथा बादलों की गर्जना के साथ बारिश दर्ज की गई जिससे सोमवार, 16 नवंबर को प्रदूषण में कमी आई और गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के करीब दर्ज किया गया। इसमें आगे भी इसी तरह का सुधार बना रहेगा।
Image credit: Zee Business
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