दिल्ली में हाल के दिनों में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और लोगों को समय से पहले पड़ने वाली प्रचंड सर्दी से राहत मिल गई थी। लेकिन एक बार फिर से तापमान में गिरावट होने की संभावना है क्योंकि उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों से ठंडी हवाओं का प्रभाव 27 नवंबर से शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि दिल्ली में 27 नवंबर से पारा गिरते हुए 1 अंक में यानी 10 डिग्री से नीचे चला जाएगा।
इससे पहले 19 से 24 नवंबर के बीच हर दिन 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान रिकॉर्ड किया गया था उसके बाद बीते 2 दिनों के दौरान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँच गया था पारा। दिल्ली में नवंबर में आमतौर पर बहुत कम वर्षा देखने को मिलती है। पूरे नवंबर महीने में दिल्ली में औसत वर्षा 4.9 मिलीमीटर होती है। जबकि इस बार अब तक 0.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है जो कि सामान्य से बहुत कम है और नवंबर के बाकी बचे दिनों में वर्षा की संभावना फिलहाल नहीं है।
उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बारिश और बर्फबारी दे रहा पश्चिमी विक्षोभ अब आगे निकल गया है, जिसके चलते दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में आसमान साफ हो जाएगा दिन में धूप रहेगी और रात में भी साफ आसमान दिखाई देगा। कम से कम अगले 1 सप्ताह तक इसी तरह का मौसमी परिदृश्य रहने की संभावना है। उत्तर पश्चिमी हवाएं जल्द ही उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों पर अपना शिकंजा कसेंगी। तापमान में भारी गिरावट देखी जाएगी।
हाल के दिनों में पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के चलते पहाड़ों से होकर आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं में ठंडक बहुत ज्यादा होगी जो दिल्ली में तापमान को नीचे लाने में अहम भूमिका अदा करेगी। नवंबर के आखिरी सप्ताह का औसत न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस है जिसमें आगामी चार-पांच दिनों के दौरान लगभग 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जाएगी और यह सामान्य से लगभग 5 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुँच जाएगा। यानि दिल्ली में अगले एक सप्ताह तक शीतलहर का इंतजाम मौसम कर रहा है। सुबह के समय अधिकांश जगहों पर कुहासा तथा छिटपुट इलाकों में कोहरा देखने को मिल सकता है, जिससे सर्दी का प्रभाव और बढ़ता हुआ नजर आएगा इसे देखते हुए हमें कह सकते हैं कि दिल्ली वालों के लिए दिसंबर का आगाज भी कड़ाके की ठंड के साथ होने की संभावना है।
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