मॉनसून के आगमन के बाद से ही बिहार वर्षा के मामले में पिछड़ रहा था। जबकि पिछले कुछ दिनों से हो रही भीषण वर्षा ने राज्य के कई इलाकों में मौसमा का रौद्र रूप दिखाया है। बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाओं में बिहार के कई इलाकों में 30 लोगों की जान चली गई है। जुलाई के आरंभ से ही राज्य के कई इलाकों में मॉनसून सक्रिय हुआ था जिसके चलते बारिश का आंकड़ा बढ़ते हुए सामान्य के आसपास पहुँच गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 9 और 10 जुलाई को बिहार में बिजली गिरने से 30 लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट के अनुसार पटना, नालंदा, रोहतास, औरंगाबाद, भोजपुर, सिवान, सारण, वैशाली, बक्सर, अररिया, गोपालगंज, समस्तीपुर, सिवहर और पुर्णिया में 9 और 10 जुलाई को भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाओं में 30 लोग मारे गए हैं। इसमें सबसे अधिक रोहतास में 5 और वैशाली में 5लोग मारे गए हैं।
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सोमवार की सुबह 8:30 बजे से मंगलवार की सुबह 8:30 बजे के बीच दरभंगा में सबसे भारी वर्षा हुई। इस दौरान यहाँ 196 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। मुजफ्फरपुर में 59, सुपौल में 28, छपरा में 17 और गया में 2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। राज्य के कई अन्य इलाकों में भी बीते दिनों की बारिश के चलते बारिश के आंकड़ें में व्यापक सुधार हुआ है। बिहार में 1 जून से 10 जुलाई तक औसतन 277.5 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष मॉनसून सीज़न में इस अवधि में 171.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 2 प्रतिशत कम है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बिहार में मॉनसून की सक्रियता में धीरे-धीरे कमी आएगी जिससे बारिश की गतिविधियां घटेंगी। हालांकि अगले 24 घंटों तक राज्य के कई इलाकों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है जिससे बारिश का आंकड़ा सामान्य से ऊपर पहुँच सकता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे बिहार पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। साथ ही एक ट्रफ रेखा पंजाब से बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। यह ट्रफ भी बिहार होते हुए गुज़र रही है जिसके चलते बिहार सहित पूर्वी भारत के राज्यों में बीते दिनों से मॉनसून की व्यापक सक्रियता देखने को मिली है।
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