राजधानी दिल्ली में सर्दियों में सबसे अधिक बारिश फरवरी में होती है। लेकिन यह लगातार दूसरा ऐसा साल है जब इस महीने में बिलकुल भी बारिश नहीं हुई। हालांकि दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में तीन बार बारिश के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनीं लेकिन मौसमी परिदृश्य में कुछ ऐसे बदलाव हुए कि हमारा पूर्वानुमान गलत साबित हुआ और दिल्ली वालों को बारिश की एक बूंद भी देखने को नहीं मिली। यह अलग बात है कि बादल आए, हवाएँ चलीं और तापमान भी गिरा।
इससे पहले 14 फरवरी, 18 फरवरी और उसके बाद 24 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में बारिश का अनुमान लगाया गया था। तीनों अवसरों पर दिल्ली से सटे राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश यानि दिल्ली के चारों ओर छिटपुट वर्षा दर्ज की गई लेकिन राजधानी में आए बादल बेरुखी दिखाते हुए आगे निकल गए। बारिश नहीं हुई। दिल्ली में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
सर्दियों का दौर लंबा बारिश के चलते खिंचता है। बारिश नहीं होने से न्यूनतम और अधिकतम तापमान में समय से पहले बढ़ोत्तरी शुरू हुई और सर्दी चुपके से समय से पहले ही विदा हो गई। लोगों को अभी भी उम्मीद है कि बारिश आएगी और शायद फिर से ठंडी हवाएँ चलें और जाते-जाते फिर से ठंडक का एहसास हो जाए। लेकिन वर्तमान मौसमी परिदृश्य को देखते हुए इस उम्मीद के पूरे होने के आसार कम हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बारिश और बर्फबारी अगले एक हफ्ते तक होती रहेगी। इस दौरान दिल्ली में भी 4-5 मार्च कुछ स्थानों पर बादल दिखेंगे और हल्की बारिश की उम्मीद है। फिलहाल शुष्क मौसम और धूप के प्रभाव से तापमान में क्रमशः वृद्धि होगी जिससे गर्मी ना सिर्फ दिन में बढ़ेगी बल्कि रात में भी शीतलता कम हो जाएगी।
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दिल्ली में फरवरी में औसतन 22.1 मिलिमीटर बारिश होती है। जबकि इस बार सामान्य से 100 प्रतिशत कम बारिश हुई। इस महीने में अधिकतम तापमान 23.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। जबकि 22 फरवरी को सफदरजंग में पारा बढ़ते हुए 32.0 डिग्री तक पहुँच गया। वर्ष 2017 में भी 21 फरवरी को 32.4 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था। आंकड़े बताते हैं कि 2010 के बाद 2017 और 2018 में फरवरी में सबसे अधिक गर्मी रही।
Image credit: Creativityworkshop
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