
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बीते 24 घंटों के दौरान अच्छी बारिश दर्ज की गई। 2 जनवरी की सुबह 8:30 बजे से 3 जनवरी की सुबह 8:30 बजे के बीच कोटा में 15 मिलीमीटर, अलीगढ़ में 14 मिलीमीटर, अंबाला में 8 मिलीमीटर, बूंदी में 5 मिलीमीटर, मेरठ में 5 मिलीमीटर, बरेली में 3 मिलीमीटर, हरदोई में 3 मिलीमीटर, नजीबाबाद में 3 मिलीमीटर, और सवाई माधोपुर में 3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इन शहरों के अलावा अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, सोनीपत, पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, भरतपुर, अलवर, चूरु, झुंझुनू, सीकर, हाथरस, बुलंदशहर, गौतमबुध नगर समेत अन्य कई शहरों में भी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
उत्तर भारत पर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ इस समय बना हुआ है। साथ ही मैदानी इलाकों में राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है। इन दोनों सिस्टमों के अलावा अरब सागर से राजस्थान के बीच बना ट्रफ और छत्तीसगढ़ व आसपास के भागों पर बना विपरीत चक्रवाती क्षेत्र उत्तर भारत के मौसम को बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में तीन तरफ से आर्द्रता पहुँच रही है, जिसमें एक है पश्चिमी विक्षोभ, दूसरा है अरब सागर और तीसरा क्षेत्र है बंगाल की खाड़ी। यही कारण है कि उत्तर भारत के राज्यों में व्यापक वर्षा के लिए मौसम अनुकूल बना है। यह इस सीजन की सर्दी यानि 2020-2021 की सर्दी की पहली व्यापक बारिश है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में साथ-साथ साथ मध्य प्रदेश के भी कुछ इलाकों में अगले 2-3 दिनों तक यानी 6 जनवरी तक बारिश का मौसम इसी तरह से बना रहेगा। इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश और चंडीगढ़ में रुक-रुक कर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश के बीच कहीं पर भारी वर्षा और ओलावृष्टि होने की आशंका है।
उत्तर भारत के शहरों में बदले मौसम के कारण न्यूनतम तापमान में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे लोगों को सुबह और रात में भीषण सर्दी लाने वाली शीतलहर से राहत मिल गई है। न्यूनतम तापमान इन भागों में अगले 2-3 दिनों तक सामान्य से ऊपर रहेगा, यानि शीतलहर का डर इस दौरान नहीं रहेगा।
न्यूनतम तापमान में बढ़ोत्तरी भले हुई है लेकिन दिन के तापमान में भारी गिरावट आई है। बीते 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया गया जिसके कारण दिन में भी शीतलहर जैसी स्थितियां बनी रहीं। इस दौरान लुधियाना में 13.9 डिग्री तापमान रहा। पटियाला में 14 डिग्री सेल्सियस, बठिंडा में 15.1 डिग्री सेल्सियस, अमृतसर में 14.2 डिग्री सेल्सियस और चंडीगढ़ में 15.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। हरियाणा के अंबाला में 14.9 डिग्री, रोहतक में 15.9 डिग्री, 15.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
उत्तर भारत के इन शहरों में 6 जनवरी तक स्थितियाँ लगभग ऐसी ही बनी रहेंगी। यानि बादल, बारिश और बदली हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा और अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहेगा। 7 जनवरी से उत्तर भारत के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा जब मौसम साफ और स्वच्छ हो जाएगा तथा उत्तर पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाएं चलेंगी। जिससे सुबह और रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी तथा शीतलहर का प्रकोप एक बार फिर से उत्तर भारत के शहरों में देखने को मिलेगा।
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